प्रतिनियुक्ति पर आए आईपीएस राजीव रंजन के हटने के बाद भी नहीं थमी सीबीआई की रफ्तार

आयोग से लगातार दस्तावेज मांग रही सीबीआई, सहयोग में लगे हैं आयोग के कर्मचारी और अधिकारी

prayagraj@inext.co.in

PRAYAGRAJ: उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीपीएससी) की भर्तियों को लेकर सवाल उठने लगे हैं। भर्तियों की जांच का नेतृत्व कर रहे सीबीआई के अफसर आईपीएस राजीव रंजन को हटा दिया गया तो कहा जाने लगा कि शुरु से जांच में शामिल राजीव रंजन के हटने से जांच की दिशा भटक सकती है। शुरु से ही भर्ती में भ्रष्टाचार की जांच की मांग करते चले आ रहे प्रतियोगियों में भी राजीव रंजन को हटाने को लेकर आक्रोश बढ़ा और कहा जाने लगा कि अब धीरे-धीरे जांच ठप हो जाएगी।

नवम्बर 2018 में वापस गए

गौरतलब है कि आयोग की भर्तियों की जांच का आदेश मिलने के बाद सीबीआई पहली बार आयोग में जनवरी 2018 में दाखिल हुई। नवम्बर 2018 में सिक्किम कैडर के आईपीएस अधिकारी राजीव को हटा दिया गया। वह प्रतिनियुक्ति पर आए थे। उनकी प्रतिनियुक्ति की अवधि पूरी होने के बाद सरकार ने विस्तार देने की बजाय उन्हें सिक्किम भेज दिया था। वहीं तब से अब तक यूपी लोक सेवा आयोग की कार्य प्रणाली को देखें तो कहीं से ऐसा नहीं लगता कि जांच की प्रक्रिया प्रभावित हुई है। आयोग के सूत्रों का कहना है कि सीबीआई की जांच कभी नहीं रुकती। वह जैसे पहले जारी थी, वैसे ही राजीव रंजन के हटने के बाद भी जारी रही।

पीसीएस का रिजल्ट हुआ लेट

जानकार बताते हैं कि लोक सेवा आयोग में सीबीआई का आना जाना लगातार बना हुआ है। सीबीआई आयोग के दस्तावेजों को बराबर चेक कर रही है। इस काम में अभी आयोग के ज्यादातर कर्मचारी लगे हुए हैं। यही कारण है कि आयोग के मुख्य कार्य परीक्षा और परिणाम में कोई खास तेजी नहीं आ सकी। कई बड़े परीक्षा परिणाम अभी अटके हुए हैं। आयोग मुश्किल से एई 2013 का परिणाम जारी कर सका। वहीं पीसीएस 2016 का रिजल्ट जारी करने में भी करीब एक माह का समय लग गया। जबकि, सीबीआई जांच से पूर्व पीसीएस का रिजल्ट इंटरव्यू के बाद चार दिनों के भीतर आ जाता था।

अभी पकड़ से दूर अनिल यादव

सीबीआई जांच की तेजी उस समय देखने को मिली, जब सीबीआई ने पिछले दिनों अपर निजी सचिव भर्ती परीक्षा 2010 को लेकर पीई दर्ज कर ली। इस भर्ती में भारी पैमाने पर फर्जीवाड़े के आरोप लगे थे। हालांकि, प्रतियोगियों का एक वर्ग ऐसा भी है जो आगामी लोक सभा चुनाव से पूर्व सीबीआई की तेजी के कई चुनावी मायने बता रहा है। बहरहाल, जांच के साथ ही उसका कुछ रिजल्ट भी सामने आने को लेकर प्रतियोगी आशान्वित हैं। इनकी नजर अभी भी इस बात पर डटी हुई है कि आखिर वह दिन कब आएगा जब भर्तियों में भ्रष्टाचार के मुख्य आरोपी आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉ। अनिल यादव के गिरेबंा तक सीबीआई पहुंचेगी।

सीबीआई हमसे जो दस्तावेज मांग रही है। उसे दिया जा रहा है। जांच जारी है और आयोग के अधिकारी व कर्मचारी इसमें पूरा सहयोग दे रहे हैं। सीबीआई जांच के चलते परीक्षा और परिणाम की प्रक्रिया में देरी आती है।

जगदीश, सचिव, यूपी लोक सेवा आयोग

Posted By: Inextlive