MillennialsSpeak : #RaajniTEA पर गोरखपुर में बोले यूथ जो करेगा जाति की बात उसका करेंगे बॉयकॉट
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GORAKHPUR: अलग-अलग भाषाओं, जाति व रंगों से मिलकर भारत देश का निर्माण हुआ है. हमारी एकता की दूसरे देशों में भी मिसाल दी जाती है. इस एकता में जो भी ग्रहण लगाएगा उसे हम कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे. नेता वही चुनेंगे जो देश में रहने वाले हर इंसान को हक दिलाने के साथ ही राष्ट्र हित में फैसले ले. इन बातों को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट और रेडियो सिटी द्वारा आयोजित राजनी-टी में दिग्विजय नगर कॉलोनी के युवाओं ने उठाया. इसी तरह शिक्षा, डिजिटल इंडिया, जीएसटी, क्राइम, सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भी युवाओं ने बेबाकी से अपनी बात रखी.
बंद हो जाति पर राजनीति
चर्चा का दौर शुरू हुआ तो अभय ने कई अहम मुद्दों पर अपनी रखी. उन्होंने कहा कि इलेक्शन आते ही नेता लोग वोट लेने के लिए घरों तक पहुंचने लगते हैं. इसी में कई ऐसे भी नेता पहुंचते हैं जो पार्टी और विकास को छोड़ केवल जाति-पाति की बात का भ्रमजाल फैलाकर पब्लिक से वोट मांगते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए. अच्छा लीडर वही होता है जो केवल विकास की बात करे और उसके लिए लड़े. पब्लिक को भी अब जागरूक होना पड़ेगा नहीं तो बाद में पछताने के सिवा कुछ नहीं बचेगा.
डॉक्टरों की फीस पर लगे अंकुश
चर्चा के दौरान प्रदीप शुक्ला ने कहा कि शहर में प्राइवेट क्लीनिकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इसके साथ ही इन क्लीनिकों पर बढ़ती बीमारियों की वजह से मरीजों की भरमार भी लगी रहती है. दूर-दराज से आने वाले मरीजों से इलाज के नाम पर ज्यादा पैसे वसूले जाते हैं. सिटी में प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर्स की फीस भी निर्धारित नहीं है जिससे ये मनमानी पैसा लेते हैं. सरकार को इस दिशा में काम करना ही होगा तभी हर तबके के लोग संतुष्ठ होंगे.
अर्जुन ने कहा कि सरकार ने डिजिटल प्रणाली की तरफ अच्छा कदम उठाया है. लेकिन अभी भी कुछ परेशानियों का लोगों को सामना करना पड़ता है. इसलिए जरूरी है कि डिजिटल के साथ ही इसका प्रयोग करने के लिए लोगों को भी जागरूक करना होगा. इसके फायदे गिनाने होंगे. तब जाकर लोगों के मन से इसका डर हटेगा. देखा जाता है एटीएम हैक, एकाउंट से पैसा गायब जैसी घटनाएं होने से ऑनलाइन बैंकिंग करने से डरते हैं.
सस्ती हो शिक्षा
राजनी-टी में विशाल सिंह ने महंगी होती शिक्षा पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि हर जगह हिंदी की बात होती है. हिंदी से ही देश की पहचान है लेकिन अच्छी इंग्लिश ना आए तो नौकरी नहीं मिलती है. इसलिए आजकल हर कोई अपने बच्चे का इंग्लिश मीडियम स्कूल में ही एडमिशन करा रहा है. इसका फायदा उठाते हुए शहर के स्कूल भी पैरेंट्स से मनमानी फीस वसूल कर रहे हैं. जबकि इसको रोकने के लिए आए दिन प्रशासन नए-नए नियम बनाता है लेकिन उसका कड़ाई से पालन नहीं कराया जाता. सरकार को भी महंगी होती शिक्षा पर कुछ सोचना होगा.
चर्चा के दौरान गोरज चौहान ने कहा कि देश की तरक्की में बॉर्डर पर तैनात जवान और खेती करने वाले किसान का अहम रोल होता है. रातभर बॉर्डर पर जागकर सेना के जवान देश की सुरक्षा करते हैं जिससे हम लोग चैन से सोते और अन्य काम कर पाते हैं. इसी तरह किसान भी दिन-रात कड़ी धूप में जलकर अन्न पैदा करते हैं. इसलिए देश के जवान और किसान के हित में जो सरकार काम करेगी उसका ही हम लोग बेड़ा पार करेंगे.
जाम के झाम से मिले निजात
चर्चा के दौरान प्रदीप ने सिटी में होने वाले हर दिन के जाम से निजात दिलाने के लिए अच्छा प्लान तैयार करने को कहा. उन्होंने कहा कि ट्रैफिक पुलिस ने तमाम प्लान तैयार किए उसके बाद भी सिटी में जाम की समस्या जस की तस है. आज भी घर से निकलने पर कहीं भी पहुंचने में जाम से लड़ना पड़ता है जिससे काफी टाइम बर्बाद होता है. इसलिए सरकार को ऐसा कुछ प्लान करना चाहिए जो फेल न हो जिससे इस जाम के झाम से निजात मिल सके.
चर्चा के दौरान संजय वर्मा ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था अच्छी बनी रहे. इसके लिए सरकार को व्यापारियों की प्रॉब्लमों को भी समझना होगा. सरकार ने जीएसटी लाया जो एक अच्छा कदम था. लेकिन इसके लिए पहले से तैयारी नहीं की जिससे व्यापारी वर्ग में इसको लेकर भय व्याप्त हो गया. जीएसटी क्या है आज भी कई बिजनेसमैन इससे भलीभांति परिचित नहीं हो पाए हैं. इसको लेकर वे भ्रम में रहते हैं. सरकार को कोई भी नया नियम बनाने से पहले उससे होने वाली परेशानियों पर भी ध्यान देना चाहिए.
नहीं कम हो रहा क्राइम
चर्चा के दौरान अखिलेश ने कहा कि सिटी में पुलिस प्रशासन के सक्रिय रहने के बाद भी क्राइम का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है. कहीं न कहीं इसके पीछे पुलिस का ढुलमुल रवैया जिम्मेदार है जिसके कारण आए दिन शहर में गोलीबारी और मर्डर जैसी बड़ी घटनाएं हो रही हैं. बदमाशों में पुलिस का खौफ तो है लेकिन जो नई उम्र के नौजवान क्राइम की दुनिया में कदम रख रहे हैं वे फिल्में देखकर हीरो बनने के चक्कर में कुछ भी कर दे रहे हैं. युवाओं की अच्छे से काउंसलिंग करके उन्हें अच्छे-बुरे के ज्ञान से परिचित कराना होगा. इसके लिए पैरेंट्स को भी ऑफिस के अलावा अपने बच्चों पर विशेष ध्यान देना होगा.