रांची:निर्भया कांडरोंगटे खड़े कर देने वाले इस कांड का मास्टर माइंड और दो राज्यों की पुलिस की वांटेड लिस्ट का हिस्ट्रीशीटर क्रिमिनल राहुल राज उर्फ डोडे सीबीआई के हत्थे चढ़ तो गया लेकिन अभी भी कई ऐसे राज हैं जिनका पर्दाफाश होना बाकी है। इस हत्याकांड से जुड़े अभी कई ऐसे सवाल हैं जो रांची पुलिस के वरीय अधिकारियों के साथ ही सीबीआई के तेज तर्रार अधिकारियों को मथने के लिए काफी हैं। मसलन शव की पहचान छुपाने के लिए चेहरा जलाया गया लेकिन शव घर पर ही क्यों मिला, सीबीआई की जांच में यह भी सामने आया है कि राहुल राज बूटी बस्ती में ही निर्भया के घर के समीप शेल्टर लेकर रह रहा था। एक हिस्ट्रीशीटर राज्य की राजधानी में आकर बेखौफ रहता रहा लेकिन पुलिस की निगाहें उस तक नहीं जा सकीं। किराए पर घर लेने के लिए रेंटर वेरीफिकेशन कराने का नियम है लेकिन राहुल राज का वेरीफिकेशन क्यों नहीं किया गया.आखिर क्यों?

कौन कौन हैं निर्भया के गुनहगार

निर्भया कांड का आरोपी सीबीआई की गिरफ्त में है। सीबीआई की टीम उसे अब रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। सीबीआई की टीम अब उससे यह जानने का प्रयास करेगी कि आखिर घटना को उसने किस तरह से अंजाम दिया था। घटना में और कौन कौन लोग शामिल थे। राहुल को रिमांड पर लेने के लिए इस मामले की जांच कर रहे अधिकारी परवेज आलम ने कोर्ट में आवेदन भी दे दिया है।

निर्भया का अकेले होना बना काल

हत्या से पहले निर्भया अपने घर में अकेली थी। आखिर यह बात उन कातिलों को कैसे पता चली कि वह घर पर अकेली है। निर्भया के पिता ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा था कि उन्होंने उसी दिन निर्भया को घर पर छोड़ा था और रात 11 बजे के करीब उनकी निर्भया से मोबाइल पर बात भी हुई थी। इतनी लेट नाइट आखिर कातिलों ने निर्भया के घर का दरवाजा कैसे खुलवा लिया। कहीं इस जघन्य हत्याकांड के पीछे कोई और भी निर्भया का परिचित, गुनाहगार तो नहीं है?

पुलिस से कैसे बचा कातिल?

हत्याकांड के बाद आखिरकार राहुल राज पुलिस और सीआईडी की नजर से कैसे बच गया। जबकि पुलिस ने बाकायदा वहां कैंप लगाया था और मोहल्ले के सारे लोगों का वेरीफिकेशन किया गया था। अगर ऐसे में राहुल मोहल्ले में रह रहा था तो वह पुलिस की आंखों में धूल झोंकने में कामयाब कैसे हो गया। और अगर वह फरार हो गया था तो पुलिस ने संदिग्ध का स्केच क्यों नहीं जारी किया। पुलिस के लिए इन सवालों का जवाब दिया जाना अभी बाकी है।

खामोशी खड़ा कर रही सवाल

राहुल राज ने किस मकान को अपना शेल्टर बनाया था। और जब वह मकान छोड़कर गया तो उस पर किसी को शंका क्यों नहीं हुई। जबकि आमतौर पर छोटे मोहल्लों में रहने वाले सारे लोग एक दूसरे को जानते हैं। ऐसे में राहुल के लोगों की नजर से छुपकर रहना और फरार हो जाने के बाद भी लोगों का खामोश रहना कई सवाल खड़े कर रहा है।

Posted By: Inextlive