RANCHI : मोबाइल टावर का शहर में फैला मकड़जाल इंसान तो क्या परिंदों के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है। टावरों से निकल रहा रेडिएशन बीमारियों को फैला रहा है। खासकर रिहायशी आबादी में ये मोबाइल टावर लोगों की सेहत में सेंध लगा रहा है। एक ओर कैंसर जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं, तो गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी टावरों से निकल रहा रेडिएशन उसे धरती में आने के पहले बीमार कर सकता है। इतना ही नहीं, इसकी वजह से कई और बीमारियां भी इंसान को अपनी चपेट में ले रही है। पशु-पक्षी भी इसकी डर से दूर भाग रहे हैं।

बढ़े हैं मिस कैरेज के मामले

शहर के अशोक नगर इलाके में पिछले दिनों कई महिलाएं मिस कैरेज की शिकार हो गईं। जब उन्होंने डॉक्टर के यहां जांच कराई तो इसकी वजह मोबाइल से निकल रहे रेडिएशन की बात सामने आई। इसे लेकर वार्ड नंबर 28 के पार्षद अशोक बड़ाईक ने नगर निगम में आवाज उठाई। पार्षद का कहना था कि शहर में अवैध टावरों की वजह से गर्भपात के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में टावरों को लेकर निगम प्रशासन को कड़े कदम उठाने चाहिए, ताकि लोगों की सेहत पर इसके खतरे को कम किया जा सके।

ब्रेन ट्यूमर की भी वजह

ब्रेन ट्यूमर समेत कई और खतरनाक बीमारियों की वजह टावरों का रेडिएशन है। रिम्स के डॉ जेके मित्रा ने बताया कि टावरों का रेडिएशन मनुष्य के खून को सीधा प्रभावित करता है। इसका दिमाग पर भी असर पड़ता है। इस वजह से खून से संबंधित बीमारियां भी तेजी से बढ़ रही हैं। अगर रेडिएशन से बचना है तो टावरों को रिहायशी इलाकों से दूर लगाना चाहिए। टावरों से निकलनेवाला रेडिएशन जब भी तय मानक से ज्यादा होगा, लोगों के स्वास्थ्य को जरूर प्रभावित करेगा।

शिशु के ब्रेन पर करता है अटैक

मोबाइल टावरों से निकल रहा सिग्नल गर्भवती महिलाओं की सेहत बिगाड़ रहा है। डॉ ऊषा प्रसाद कहती हैं- टावरों का रेडिएशन गर्भ में पल रहे शिशु के ब्रेन पर डायरेक्ट अटैक करता है। इस वजह से शिशु का शारीरिक-मानसिक विकास प्रभावित होता है। शिशुओं में मंदबुद्धि व अपंगता की आशंका बनी रहती है।

रिसर्च में भी खतरे की बात आई सामने

रिम्स के मेडिसीन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ जीके मित्रा के मुताबिक, गर्भवती महिलाओं में रेडिएशन का खतरा सबसे ज्यादा है। इस वजह से गर्भपात के मामले तेजी से बढ़े हैं। नेशनल-इंटरनेशनल लेवल पर हुए रिसर्च में भी रेडिएशन के गर्भ में पल रहे शिशु पर असर पड़ने के बात की पुष्टि हो चुकी है।

परिंदों के वजूद पर भी खतरा

मोबाइल टावरों के रेडिएशन का असर पशु-पक्षियों पर भी पड़ रहा है। टावरों से निकलनेवाले मैग्नेटिक तरंगों से पक्षियों का हार्मोनल डिसबैलेंस हो रहा है। इस कारण पक्षियों की प्रजनन क्षमता और नर्वस सिस्टम पर असर पड़ रहा है। पक्षियां घोंसले का रास्ता भूल जा रही हैं। मधुमक्खियों में कोलेप्स डिसआर्डर की समस्या भी बढ़ी है।

विलुप्त होती जा रही हैं पक्षियां

कभी रिहायशी इलाकों में पक्षियां की चहचहाहट गूंजती थी, पर जब से मोबाइल टावरों ने पांव पसारा है, पक्षियां शहर से दूर होती जा रही हैं। गौरेया, कौवा, मैना, तोता, कबूतर और कोयल जैसी पक्षियां धीरे-धीरे लापता होती जा रही हैं। कई पक्षियां तो विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुकी हैं। पिछले साल केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय ने एक रिपोर्ट जारी किया किया था, जिसमेंमोबाइल टॉवर के रेडिएशन का पशु-पक्षियों पर बुरा असर पड़ने की बात कही गई थी।

पक्षियों के लिए खतरनाक है रेडिएशन

मोबाइल टावर का रेडिएशन पक्षियों के वजूद के लिए खतरा बन गया है। रिहायशी इलाकों से पक्षियां दूर होती जा रही हैं। टावर का मैग्नेटिक तरंग पक्षियों के नर्वस सिस्टम और प्रजनन क्षमता पर असर डाल रहा है।

डॉ एम रजीउद्दीन

पक्षी वैज्ञानिक व प्रो वीसी

रांची यूनिवर्सिटी

Posted By: Inextlive