>RANCHI:झारखंड के नए मुख्यमंत्री रघुवर दास अपने आम जीवन में अब तक के मुख्यमंत्रियों से कई मायने में अलग हैं। सादा खाना और सादा पहनावा पसंद करने वाले रघुवर दास राजनीति में जयप्रकाश नारायण और साहित्य में रामधारी सिंह दिनकर को अपना आदर्श मानते हैं। विधानसभा में धरना-प्रदर्शन कर रहे विधायकों को समझा-बुझा कर सदन की कार्यवाही सुचारू रखने में अहम भूमिका निभाने वाले रघुवर दास पक्ष-विपक्ष दोनों के चहेते भी रहे हैं। आई नेक्स्ट की रिपोर्ट में पढ़े मुख्यमंत्री की शपथ लेने जा रहे रघुवर दास के कुछ अनछुए पहलु।

सादा खाना, सादा पहनावा

झारखंड के नए मुख्यमंत्री रघुवर दास सादगी से जीने वाले इंसान हैं। वह सादा खाना और सादा पहनावा पसंद करते हैं। शाकाहारी रघुवर दास अधिकतर खादी का कुर्ता-पायजामा और खादी की ही बंडी पहनना पसंद करते हैं। कभी-कभी विशेष मौकों पर वह पैंट-शर्ट में भी नजर आ जाते हैं, लेकिन उनका मुख्य पहनावा कुर्ता-पायजामा ही है।

जेपी और दिनकर हैं आदर्श

झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे रघुवर दास लोकनायक जयप्रकाश नारायण को अपना आदर्श मानते हैं। जेपी के आह्वान पर आंदोलन कर रहे रघुवर इमरजेंसी के दौरान जेल भी जा चुकी हैं। रघुवर दास साहित्य के क्षेत्र में रामधारी सिंह दिनकर को अपना आदर्श मानते हैं।

ख्0क्ख् के सर्वश्रेष्ठ विधायक

झारखंड विधानसभा स्थापना दिवस ख्ख् नवंबर ख्0क्ख् को रघुवर दाससर्वश्रेष्ठ विधायक के रूप में चुने गए थे। इन्हें यह पुरस्कार गर्वनर डॉ सैयद अहमद के हाथों दिया गया था। इस अवसर पर रघुवर दास ने कहा था कि विधायक को आम जनता के प्रति उत्तरदायी होना चाहिए। मजदूर परिवार में जन्म लेने के बाद भी उन्होंने अपनी इच्छाशक्ति को कभी कमजोर पड़ने नहीं दी।

पक्ष-विपक्ष दोनों में सम्मान

रघुवर दास विधानसभा में बड़े भाई और गार्जियन की भूमिका भी निभाते रहे हैं। तृतीय झारखंड विधानसभा का अंतिम सत्र अगस्त में चल रहा था। 7 अगस्त को सत्र का अंतिम दिन था। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही हटिया के विधायक रहे नवीन जायसवाल ने लटमा रोड की बदहाली को लेकर विधानसभा में धरना पर बैठ गए। उन्हें मनाने के लिए सरकार के मंत्री समेत कई लोग गए, लेकिन वह नहीं माने। ऐसे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रघुवर दास से उन्हें मनाने का आग्रह किया। फिर रघुवर दास की पहल पर नवीन जायसवाल धरना पर से उठे। विधानसभा सत्र के दौरान यहकोई पहला वाकया नहीं है, बल्कि कई बार जब सरकार किसी विधायक का धरना-प्रदर्शन समाप्त करवाने में नाकाम होती थी, तो वह रघुवर दास की मदद लेती थी। विधानसभा के सीनियर विधायक होने के नाते पक्ष से लेकर विपक्ष तक सभी विधायक रघुवर दास का सम्मान करते थे और उनकी बात भी मानते थे।

Posted By: Inextlive