RANCHI :रांची शहर में जमीन की रजिस्ट्री कराने के बाद लोगों को म्यूटेशन के लिए हांफना पड़ रहा है। सरकार के नियम का बिल्कुल पालन नहीं किया जा रहा है। हर किसी को रजिस्ट्री कराने के बाद म्यूटेशन लिए अलग से आवेदन करना पड़ रहा है। समस्या यही खत्म नहीं होती, इसके बाद दर्जनों बार अंचल कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है। जबकि जमीन की रजिस्ट्री होने के साथ ही उसके सारे कागजात को ऑनलाइन संबंधित अंचल में भेजने का आदेश है। उसके बाद म्यूटेशन भी हो जाएगा लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। इस कारण म्यूटेशन को लेकर लोगों को बेवजह परेशान होना पड़ रहा है।

डॉक्यूमेंट फिर से करा रहे अपलोड

सरकार के आदेश के बावजूद रांची में इस नियम की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जमीन की रजिस्ट्री के बाद जब कोई म्यूटेशन हुआ या नहीं इसका पता लगाने को जब सीओ ऑफिस पहुंचता है तो उसे प्रज्ञा सेंटर से फिर से रजिस्ट्री के सारे डॉक्यूमेंट को ऑनलाइन अपलोड कराना पड़ता है। उसके बाद सात दिन का समय दिया जाता है फिर प्रॉसेस शुरू होता है। जबकि नियम यह है कि रजिस्ट्री का काम पूरा होने के बाद 21 दिन के अंदर खुद से म्यूटेशन भी हो जाएगा।

अधिकारियों का है अलग कहना

वहीं विभागीय अधिकारियों की मानें तो निबंधन अंचल कार्यालय में जमीन संबंधित रिकॉर्ड ऑनलाइन है। अंचल कार्यालय में कायम जमाबंदी में जमीन-मकान का मौजूदा वारिश मालिक के नाम दर्ज किया जाएगा। ऐसे में विक्रेता के नाम कायम जमाबंदी से मिलान कर आसानी से म्यूटेशन किया जा सकेगा। म्यूटेशन होने के बाद विक्रेता के नाम से कायम जमाबंदी से बिक्री की गई जमीन घटा दी जाएगी।

अभी क्या है समस्या

जानकारों की मानें तो अंचल कार्यालयों में वैसे लोगों के नाम जमाबंदी कायम है जिनकी मृत्यु हो चुकी है। जमाबंदी में उनके वारिश या मौजूदा मालिक का नाम दर्ज नहीं है। ऐसे में यदि दादा के नाम जमाबंदी कायम है और पोता जमीन की बिक्री करता है तो म्यूटेशन कराने में परेशानी होती है। दस्तावेज के सत्यापन में वंशावली, अन्य वारिश अंशदार की जांच में देरी होती है। साथ ही बिक्री के बाद भी पहले से कायम जमाबंदी से जमीन का अंश घटाया नहीं जाता और म्यूटेशन के बाद खरीदार के नाम से कायम जमाबंदी में भी जमीन का ब्योरा दर्ज हो जाता है।

बना है ऑनलाइन सिस्टम

जबकि सरकार के नियम के अनुसार जमीन की रजिस्ट्री के साथ ही उसका दाखिल-खारिज भी हो जाएगा। ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से यह सुविधा विकसित की गयी है। इस सुविधा के तहत जमीन की रजिस्ट्री होने के साथ ही उसका पूर्ण विवरण सीधे अंचल अधिकारी या निगम कार्यालय के कम्प्यूटर में दर्ज हो जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में जमीन अगर खरीदी गई है तो उसका विवरण अंचल कार्यालय जाएगा और शहरी क्षेत्र की है तो नगर निकाय का दफ्तर। इसके आधार पर जमीन का म्यूटेशन हो जाएगा। इस प्रक्रिया में म्यूटेशन के लिए अलग से आवेदन देने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी, म्यूटेशन होने के बाद आप चाहें तो घर बैठे उसका प्रिंट आउट लेकर रख सकते हैं। लेकिन जमीन की रजिस्ट्री कराने वालों को इस सुविधा का लाभ ही नहीं मिल पा रहा है।

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वर्जन

सरकार का यह नियम है जिस पर हम लोग काम भी कर रहे हैं, लेकिन रजिस्ट्री कराने के लिए जो पेपर जमा किया जाता है, उससे भी अलग पेपर की जरूरत होती है, इसलिए अलग से आवेदन जमा किया जाता है।

सत्येंद्र कुमार, अपर समाहर्ता, रांची

Posted By: Inextlive