PATNA: जहां एक ओर एक अप्रैल से देश भर में अफोर्डेबल हाउस और सामान्य घरों पर जीएसटी की दरें घटने से यह पहले के मुकाबले फायदा का सौदा हो गया है वहीं इसी तिथि से नेचुरल गैस के प्राइस में 18 फीसदी बढ़ोतरी के कारण पीएनजी, सीएनजी और एलपीजी की कीमतों में काफी बढ़ोतरी की संभावना है. इस प्रकार, यह ओर राहत तो दूसरी ओर आफत वाली खबर है. इससे हर आम और खास जुड़ा हुआ है. हाल ही में जीएसटी काउंसिल की बैठक में केन्द्र सरकार ने जीएसटी की दरों में भारी कमी का ऐलान किया. वहीं, नेचुरल गैस की कीमत में वृद्धि के कारण पीएनजी, सीएनजी और एलपीजी की कीमतों में बढ़ोतरी होना तय है. हालांकि एक अप्रैल से कीमतों की स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी.

राहत: घर हो जाएंगे सस्ते

जीएसटी काउंसिल की 34वीं बैठक के बाद सामान्य घर और अफोर्डेबल हाउसिंग की दरों में भारी कमी की गई है. जहां पहले सामान्य घरों के लिए 12 प्रतिशत जीएसटी लग रहा था वहीं अब यह मात्र पांच प्रतिशत लगेगा. इसी प्रकार, अफोर्डेबल हाउस के लिए यह 8 प्रतिशत की बजाय मात्र एक प्रतिशत कर दी गई है. नई दरें एक अप्रैल से प्रभावी होगी. खास बात यह है कि जहां पहले इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ कई बिल्डर ग्राहकों को नहीं देते थे वहीं सरकार ने बिल्डर को इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं देने का फैसला किया है.

आफत: रसोई गैस होगी महंगी

एक अप्रैल से नेचुरल गैस की कीमतों में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है. इसके कारण नए वित्तीय वर्ष यानि अप्रैल, 2019 से सीएनजी, पीएनजी और एलपीजी के दाम भी बढ़ जाएंगे. इससे देश भर की गृहणियों के बजट में भारी बढ़ोतरी हो सकती है. बताया गया है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्राकृतिक गैस की डिमांड बढ़ने का असर भारत पर भी पड़ा है. मौजूदा गैस नीति के तहत सरकार हर 6 महीने में इसकी कीमतें तय करती है. पिछले एक साल में कीमतें दो बार 5.9 और 9.8 परसेंट तक बढ़ी हैं. इस बार यह सिलसिला जारी रह सकता है.

अब अफोर्डेबल हाउस वाकई में अफोर्डेबल होगी क्योंकि अब ग्राहकों को जीएसटी में भारी छूट दी जा रही है. बाजार के लिए भी यह काफी हितकर साबित हो सकता है.

-सचिन चंद्रा, नेशनल प्रेसीडेंट, ऑल इंडिया बिल्डर्स एसोसिएशन

Posted By: Manish Kumar