एक मनोदशा का नाम है गरीबीः राहुल गांधी
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि गरीबी का मतलब भोजन, पैसे या अन्य भौतिक चीजों की कमी नहीं है बल्कि ये एक मनोदशा है.समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार राहुल ने इलाहाबाद के जीबी पंत सोशल साइंस इंस्टीट्यूट में एक संगोष्ठी में ये बात कही. इसका आयोजन जाने-माने सामाज विज्ञानी बद्री नारायण ने कराया था.बद्री नारायण के मुताबिक़ राहुल ने कहा, “गरीबी एक मनोदशा है. इसका मतलब भोजन, धन या भौतिक चीजों की कमी नहीं है. अगर किसी के अंदर आत्मविश्वास है तो वो गरीबी से निजात पा सकता है.”कांग्रेस उपाध्यक्ष ने अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी की एक गरीब महिला का उदाहरण दिया जिन्होंने 'राजीव गांधी महिला विकास परियोजना' से जुड़कर अपने आत्मविश्वास को नई उड़ान दी.
राहुल ने इलाहाबाद और आसपास के ज़िलों दूरदराज इलाक़ों से आए लोगों से मुलाकात भी की. उन्होंने कहा कि उनका राजनीतिक मकसद ग़रीबों और उपेक्षितों की आवाज़ सुनना है.
प्रवृत्तिइससे पहले कमला नेहरू मेमोरियल अस्पताल की एक शाखा का उदघाटन करते हुए राहुल ने डॉक्टरों के पैसों के पीछे भागने की प्रवृत्ति पर चिंता जताई. उन्होंने डॉक्टरों से ग्रामीण इलाक़ों में जाकर सेवा करने को कहा.
राहुल कांग्रेस उपाध्यक्ष बनने के बाद पहली बार इलाहाबाद आए थे और उन्हें कई स्थानों पर भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा.जीबी पंत सोशल साइंस इंस्टीट्यूट के नजदीक भारतीय जनता युवा मोर्चा और एनएसयूआई के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए थे.पुलिस के मुताबिक युवा मोर्चा के कार्यकर्ता यूपीए सरकार के ख़िलाफ़ नारे लगा रहे थे. उनमें से कुछ ने काले झंड़े लेकर राहुल की गाड़ी के आगे कूदने की कोशिश की तो एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला कर दिया. इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया गया."गरीबी एक मनोदशा है. इसका मतलब भोजन, धन या भौतिक चीजों की कमी नहीं है. अगर किसी के अंदर आत्मविश्वास है तो वो गरीबी से निजात पा सकता है"-राहुल गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष