कुली बनेंगे रेल सहायक : कुलियों को मिलेगी ट्राॅली तो पैसेंजर्स की भी नहीं होगी जेब खाली
meerut@inext.co.in
MEERUT: रेलवे स्टेशन पर अब यात्रियों का समान ढोने वाले कुलियों को भी रेलवे ने राहत देने की पहल शुरु कर दी है. इस पहल के तहत सबसे पहले रेलवे ने कुलियों के नाम में बदलाव करने के साथ उनके बोझा ढोने की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया है. यानी की रेलवे प्लेटफार्म पर कुली अपने कंधे पर बोझ नही ढोएंगे, बल्कि रेल सहायक आपकी मदद करेंगे.नया नाम रेल सहायक
रेलवे ने अपने पंजीकृत कुलियों को परंपरागत नाम से अलग नई पहचान देते हुए अब रेल सहायक का दर्जा दिया है. इन रेल सहायकों को रेलवे द्वारा नए नाम के साथ रेल यात्रा के लिए दो प्रिवेलेज टिकट आर्डर, स्टेशन पर विश्राम गृह और रेलवे के स्कूलों में बच्चों की नि:शुल्क शिक्षा तक की सुविधा दी जाएगी. यह व्यवस्था देश के सभी रेलवे स्टेशनों पर लागू की गई है. इसके तहत मेरठ सिटी व कैंट स्टेशन पर काम करने वाले करीब 40 से अधिक कुलियों को सुविधा मिलेगी.
नही होगा कंधे पर बोझा
रेलवे स्टेशन पर अब यात्रियों के सामान का बोझ कुलियों को अपने कंधे पर नही ढोना पडेगा. इस नई व्यवस्था के तहत कुलियों को सभी प्रकार का भारी सामान उठाने के लिए प्लेटफार्म पर ही ट्राली मिलेगी. इस ट्रॉली में सामान रखकर कुली ट्रेन तक सामान पहुंचाएंगे. इसके साथ ही यह उम्मीद है कि यात्रियों को सामान के किराये में भी अब कुछ राहत मिलेगी.