मदद को पड़ेगा जाना, आरपीएफ नहीं बना पाएगी बहाना
-सेंट्रलाइज्ड पोर्टल के जरिए पैसेंजर्स को हर समय हेल्प के लिए आरपीएफ ने बनाया प्लान
-ट्रेन में किसी अपराध की सूचना मिलते ही पैसेंजर्स को अगले स्टापेज पर मिल जाएगी हेल्प VARANASI ट्रेंस में जर्नी के दौरान मुसीबत में फंसे पैसेंजर्स को अब किसी भी वक्त राहत देने के लिए आरपीएफ एलर्ट रहेगी। इसके लिए सेंट्रलाइज्ड पोर्टल तैयार किया है। इसमें आरपीएफ थानों के कमांडेंट को जोड़ा गया है। आरपीएफ इससे ट्रेंस में होने वाले अपराध पर भी शिकंजा कस सकेगी। इस तरह जीआरपी को उसका साथ मिल सकेगा और पैसेंजर्स की सिक्योरिटी बढ़ सकेगी। पहले आरपीएफ पर आरोप लगता था कि पैसेंजर्स की शिकायतों को नजरअंदाज कर देती थी। कंट्रोल रूम से होगी मॉनीटरिंगआरपीएफ ऑफिसर्स के मुताबिक सेंट्रलाइज्ड पोर्टल को रेलवे कंट्रोल रूम से जोड़ा जा रहा है। जर्नी के दौरान पैसेंजर के साथ कोई घटना होने पर उसे सूचना देनी होगी। इसके बाद कंट्रोल रूम से आरपीएफ को मदद पहुंचाने के लिए एक मैसेज डाला जाएगा, जो सेंट्रलाइज्ड पोर्टल पर फ्लैश होने लगेगा। ट्रेन के अगले स्टॉपेज पर पहुंचते ही आरपीएफ के जवान यात्री की मदद के लिए मुस्तैद रहेंगे। यही नहीं मामले को निस्तारित करने के बाद फीडबैक भी पोर्टल पर दर्ज करना होगा। जिससे पैसेंजर्स की मदद हुई या नहीं इसका पता लग जाएगा।
बढ़ती घटनाओं पर उठाया कदम एसी सहित अन्य कोचेज में लगातार बढ़ती अपराधिक घटनाओं की वजह से यह एक्शन प्लान तैयार किया गया है। नये सिस्टम के स्टार्ट होने से ट्रेन में क्राइम को अंजाम देने वाले क्रिमिनल तक भी पहुंचने की संभावना बढ़ जाएगी। यह सर्विस अक्टूबर से स्टार्ट कर दी गई है। नये सिस्टम में अपराधिक घटनाओं पर शिकंजा कसने के लिए आरपीएफ व जीआरपी संयुक्त रूप से काम करेंगी। ऑफिसर्स के मुताबिक पिछले छह महीने में आरपीएफ व जीआरपी की संयुक्त टीम ने दो दर्जन से अधिक क्रिमिनल्स को जेल भेजा है। इससे स्टेशंस व ट्रेंस में अपराध के ग्राफ कमी आयी है।