Allahabad: पिता रेलवे में अफसर थे भाई लखनऊ में डिप्टी एसपी हैं. नागेश सिंह खुद नगर निगम में ठेकेदारी करता था. एक्स्ट्रा कमाई का ऐसा चस्का लगा कि उसी कमाई ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया. दरअसल नागेश सिंह डीएसए ग्राउंड के नजदीक पिता को एलॉट हुए रेलवे क्वार्टर में रहता था. यह सरकारी क्वार्टर काफी बड़ा था. ऐसे में क्वार्टर को उसने इलीगल शराब का गोदाम बना दिया. एक पेटी रखने का 200 रूपए बतौर किराया लेता था. नागेश का दोस्त अजय शराब का धंधा करता है. वह हरियाणा की शराब को यहां पर लाकर बेचता था. अजय को इससे अच्छा गोदाम कहीं और समझ में नहीं आया. सो अजय ने नागेश के इस क्वार्टर को ही गोदाम में तब्दील कर दिया था. नागेश को सिर्फ शराब रखवाने में 25-30 हजार रुपए की एक्स्ट्रा कमाई हो जाती थी.

RPF ने raid  डालकर 32 पेटी शराब बरामद की 

सैटरडे मार्निंग आरपीएफ ने रेलवे क्वार्टर 788-ए में रेड डालकर 32 पेटी अंग्रेजी शराब बरामद की। यह शराब सिर्फ हरियाण के लिए थी, लेकिन यहां पर ब्लैक मार्केटिंग करके उसको बेचा जाता था। इंचार्ज आनंद कुमार ने बताया कि क्वार्टर से अजय, नागेश सिंह, अजय मिश्रा व अमर कुमार गौड़ को गिरफ्तार किया गया है। नागेश ने कालोनी में रौब जमाने के लिए गेट पर ही भाई बृजेश मिश्रा की नेम प्लेट लगा रखी है, जिसमें लिखा है बृजेश सिंह डिप्टी एसपी। नागेश को लग रहा था कि यह नेम प्लेट उसे बचाने में काफी मददगार होगी, लेकिन सैटरडे को आरपीएफ के आगे इस नेम प्लेट का खेल नहीं चल पाया। आरपीएफ ने बताया कि नागेश के पिता केके सिंह रेलवे से रिटायर हो चुके हैं, लेकिन अभी उन्होंने क्वार्टर खाली नहीं किया है। क्वार्टर को लेकर कुछ विवाद चल रहा था. 

दो लाख की illegal शराब जब्त

क्वार्टर से 32 पेटी अंग्रेजी शराब बरामद की गई है, जिसमें रायल स्टेज, इंपीरियल ब्लू सहित करीब आधा दर्जन से ज्यादा ब्रांड हैं। यह शराब सिर्फ हरियाणा स्टेट में बेचने के लिए था। यहां पर ब्लैक मार्केटिंग करके यूपी में लाया जा रहा था, जिसमें टैक्स की बचत होती थी। आरपीएफ इंचार्ज आनंद कुमार ने बताया कि कानपुर से ट्रक व मिनी ट्रक में इस शराब को यहां पर लाया जाता था। ज्यादातर रात के वक्त इस शराब को उतारकर यहां पर रखा जाता था। अजय रेलवे कॉलोनी व स्टेशन के आसपास के इस शराब की सप्लाई करता था। अजय मिश्रा व अजय गौड़ लेबर का काम करते थे। नागेश सिंह करीब तीन सालों से क्वार्टर में इलीगल शराब को गोदाम बनाकर उसमें प्रति पेटी किराया की वसूली करता था. 

नागेश का दावा था कि कुछ नहीं होगा 

नागेश के सात भाई हैं। एक डिप्टी एसपी है एक रेलवे में टीटीई है। वह खुद ठेकेदारी करता था। ऐसे में कालोनी के आसपास के लोग उनसे ज्यादा मतलब नहीं रखते थे। अजय ने बताया कि नागेश ने गारंटी ले रखी थी कि उसका माल पकड़ा नहीं जाएगा। यहीं कारण था कि वह प्रति पेटी 200 रूपए का चार्ज वसूलता था। यह खेल पिछले तीन साल से चल रहा था। रेलवे क्वार्टर में ट्रक व मिनी ट्रक के थू्र माल आता था और फिर टैंपों से उसे सिटी के डिफरेंट एरिया में सप्लाई किया जाता था. 


Posted By: Inextlive