दो माह बाद होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर देश की पब्लिक मूड-मिजाज बनाने लगी है। नई राजनीति को लेकर युवाओं में काफी आस भी जगी है तो कुछ मुद्दों पर बदलाव भी चाहते हैं। इस चुनाव में निर्णायक की भूमिका निभाने वाले 18 से 38 साल आयु के भारतीय मतदाता जिन्हें हम मिलेनियल्स भी कहते हैं, वह इस बार ठोक बजाकर ही वोट करने वाला है। मुद्दों की कसौटी पर कसते हुए राजनीति में किसे वोट करना और किसे सत्ता से बाहर रखना आदि यह सब यही मिलेनियल्स तय कर रहे हैं। मिलेनियल्स के कुछ मुद्दे हैं जिन्हें दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने 'मिलेनियल्स स्पीक' के मंच पर टटोलने की कोशिश की। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के सेवायोजन कार्यालय के सभागार में शनिवार को आयोजित 'राजनी-टी' पर चर्चा करते हुए युवाओं ने ऐसी सरकार चुनने की बात कही जो शिक्षा-सुरक्षा स्वास्थ्य, चिकित्सा और रोजगार उपलब्ध करा सके।

इसमें पब्लिक का घाटा

उबलते कड़क चाय की तरह मुद्दों पर फोकस करते हुए स्टूडेंट्स ने अपनी बात रखनी शुरू की। युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मुहैया कराए जाने का समर्थन करते हुए स्टूडेंट्स ने कहा कि डिजिटल इंडिया की बात तो जरूर हो रही है लेकिन जब एकांउट में पैसे ही नहीं होंगे तो फिर ऐसे डिजिटल इंडिया होने का क्या मतलब? हां, इसका फायदा सबसे अधिक व्यापारी वर्ग को हुआ है। खामियां यह है कि जितना बढ़ावा मिला है उतना नुकसान भी डिजिटल इंडिया से हुआ है, अधिकतर एकांउट होल्डर साइबर क्राइम के शिकार हो रहे हैं। गाढ़ी कमाई उनके खाते से निकाली जा रही है और वह सिर्फ थानों व बैंकों का चक्कर लगा रहे हैं। 'राजनी-टी' पर अन्य मुद्दों पर स्टूडेंट्स ने अपनी बेबाकी से राय दी।

स्मार्ट सिटी से क्या, रोजगार चाहिए

डेवलपमेंट की बात शुरू हुई तो एक स्वर में स्टूडेंट्स ने इसे स्वीकारा कि बीते कुछ सालों में बनारस की सड़कें, सफाई व्यवस्था सहित कुछ अन्य कार्यो में बदलाव देखने को मिला है। मगर, इन सब चीजों से क्या, वह तो हर नागरिक का हक होता है कि वह टैक्स दे रहा है तो उसे उसका लाभ भी मिले। सिर्फ बेहतर सड़क व लाइटिंग लेकर क्या करेंगे जब देश का युवा रोजगार को लेकर दर-दर भटकेगा। अपने शहर में नौकरी तो मिल नहीं रही और दूसरे शहरों में इतनी बाध्यताएं हैं कि पूरा करते नहीं बन रहा। उद्योग, धंधे और रोजगार को लेकर सरकार को फोकस करना चाहिए। एक स्टूडेंट ने कहा कि सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है, हम कमा कर ही क्या करेंगे कि अपराधी लूट ले जाए। गरीब, मजलूम किसानों की जमीनों पर दबंगों की नजरें गड़ी रहती है। कितने पर तो कब्जा जमा लिया गया है।

हर वर्ग परेशान है

'मिलेनियल्स स्पीक' के तहत स्वास्थ्य, चिकित्सा और सुरक्षा पर स्टूडेंट्स ने ध्यान खींचा। आयुष्मान योजना की शुरूआत जरूर गरीब, असहाय को संजीवनी दे रही है लेकिन इसकी आड़ में अस्पताल वाले बहुत धांधली भी कर रहे हैं। स्टूडेंट्स ने कहा कि यह बिना सरकारी तंत्र की मिलीभगत से संभव नहीं है। योजना से जुड़े शीर्ष अधिकारी ऐसी धांधली पर नजर रखें, जिससे कि जिस उद्देश्य से योजना का शुभारंभ हुआ है वह सार्थक साबित हो सके। हम बुलेट ट्रेन और अन्य सुविधाओं की बात करते हैं लेकिन अपने शहर की बदहाली पर मौन रहते हैं। ट्रैफिक जाम की समस्याएं आज भी जस की तस है। वार्डो में सीवर ओवरफ्लो, अनियमित कूड़ा उठान सहित शुद्ध पेयजल आदि की समस्याएं दूर नहीं हुई है। जिसका नतीजा है कि आज हर वर्ग परेशान है।

मेरी बात

वोट उसी सरकार को मेरा जाएगा जो युवाओं को बेहतर रोजगार के प्लेटफार्म दे सके। उद्योग, धंधे लगाने में सरलीकरण का व्यवस्था लागू करे। वर्तमान सरकार के कुछ कार्यो से काफी प्रभावित हूं।

अभिषेक झा

कड़क मुद्दा

डिजिटल इंडिया, मेइ इन इंडिया आदि कई योजनाओं को केंद्र सरकार अपनी उपलब्धि मान नहीं है। मुझे यह समझ नहीं आता कि डिजिटल इंडिया के जितने फायदे हैं तो उससे कहीं ज्यादा घाटा भी है। साइबर क्राइम जैसी शिकायतें हर रोज थानों से लेकर बैंकों में पहुंच रही है। जिनका निस्तारण 80 परसेंट नहीं हो पा रहा है। आएदिन सरकार से पब्लिक सवाल पूछ रही है।

रोजगार को बढ़ावा देने वाले को ही मेरा समर्थन जाएगा। मौजूदा दौर में युवाओं के सामने रोजगार की भारी किल्लत है, इसी वियोग में युवा खुदकुशी भी कर रहा है।

प्रशांत कुमार

मुझे नहीं लगता कि मौजूदा सरकार भी युवाओं के लिए कुछ खास कदम उठा पाई है। स्कॉलरशिप सहित कई ऐसे मामले हैं जिसमें स्टूडेंट्स हलकान ही हुए हैं।

राहुल राय

अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाले को ही मेरा वोट जाएगा। अभी भी सिर्फ आश्वासनों से युवाओं को शांत कराया जा रहा है। मगर, अब युवा शांत नहीं रहने वाले हैं।

अंकिता प्रकाश

अब तक सरकार ने जो किया वह सराहनीय कदम रहा है। स्मार्ट सिटी, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और उद्योग-धंधे के मामले में केंद्र सरकार का कोई जोड़ नहीं है।

अनुराग सिंह

स्मार्ट सिटी के तहत शहर में काफी काम हुआ है। कई एरिया में विद्युत तारों का जंजाल नहीं दिखता। विद्युत व्यवस्था में सुधार हुआ तो सड़कें पहले से अब और बेहतर भी हुई हैं।

सोनू शुक्ला

नोटबंदी, जीएसटी जैसे मुद्दे ने आम पब्लिक को बहुत तकलीफ दिया है। खास कर जीएसटी में नए कानून ने व्यापारी वर्ग को निराश किया है। जिससे व्यापार प्रभावित हो रहा है।

अनुज जायसवाल

जो सरकार युवाओं का मान-सम्मान रखेगी उसे ही मेरा समर्थन जाएगा। क्योंकि हर बार युवाओं को सिर्फ हथियार बनाकर छला जाता है।

अमित मौर्या

डिजिटल इंडिया का लाभ मिला लेकिन साइबर क्राइम की घटनाएं बढ़ी है। इन शिकायतों के निस्तारण पर भी किसी का ध्यान नहीं रहता है। गाढ़ी कमाई लूटी जा रही है।

राहुल वर्मा

उसी सरकार को चुना जाएगा जो पब्लिक के साथ-साथ सरहद पर डटे वीर जवानों की सुरक्षा के बारे में भी सोचे। मौजूदा घटनाएं सरकार के लिए चुनौती बनी हुई है।

सन्नी कुमार

Posted By: Inextlive