- सपा से है पुराना नाता, मुलायम के रहे करीबी

- कांग्रेस ने सपा को पटखनी देने को खेला दांव

- कांग्रेसियों को एकजुट करना होगा बड़ी चुनौती

LUCKNOW: कभी समाजवादी परिवार के अभिन्न अंग रहे राज बब्बर नई भूमिका के साथ यूपी चुनाव में उतरेंगे। सिने जगत से सियासी गलियारे का सफर तय करने के लिए राज बब्बर ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव का सहारा लिया था। सपा से मतभेद के बाद उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम कर सपा को अपनी ताकत का अहसास भी कराया था। प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद वह सबसे ज्यादा नुकसान समाजवादी पार्टी का करेंगे क्योंकि उन्हें सपा के दांव-पेंच के बारे में बखूबी पता है।

डिंपल को हराया था चुनाव

सपा छोड़कर कांग्रेस में जाने के बाद राज बब्बर ने मुलायम सिंह यादव को गहरा झटका दिया था। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने फिरोजाबाद सीट से अखिलेश यादव की पत्‍‌नी डिंपल यादव को करारी शिकस्त देकर सियासी गलियारों में खलबली मचा दी थी। इसके बाद से ही कांग्रेस में राज बब्बर का कद बढ़ता गया और उन्हें गांधी परिवार के करीबियों में शुमार किया जाने लगा। राज बब्बर ने राजनीति में अपना सफर वर्ष 1989 में जनता दल में शामिल होकर रखा। इसके बाद में वे समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये और तीन बार लोकसभा सांसद बने।

कर दिया गया था निलंबित

वर्ष 2006 में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने उनको पार्टी विरोधी गतिविधि के आरोप में निलंबित कर दिया था। दो साल बाद उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता लेकर यूपी को अपना चुनावी अखाड़ा चुना और इसमें सफल भी रहे। राज बब्बर को करारी शिकस्त पिछले लोकसभा चुनाव में मिली, जब वे गाजियाबाद सीट से जनरल वीके सिंह से हार गये। मालूम हो कि राज बब्बर मूल रूप से आगरा के रहने वाले हैं। उनका जन्म 23 जून 1952 को आगरा के टुंडला में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई और ग्रेजुएशन भी आगरा से किया। इसके बाद एक्टर बनने के लिए मुंबई की राह पकड़ ली।

बीजेपी के मुकाबले मसूद

अपने भड़काऊ भाषणों के लिए मशहूर इमरान मसूद को कांग्रेस ने प्रदेश उपाध्यक्ष बनाकर संकेत दिए है कि पश्चिमी उप्र में वह बीजेपी का डटकर मुकाबला करेगी। हाल ही में सहारनपुर की देवबंद सीट से कांग्रेस प्रत्याशी ने विधानसभा का उपचुनाव जीतकर अहसास करा दिया था कि वोटों के सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की सूरत में वह पूरी ताकत के साथ मैदान में है। माना जाता है कि इस चुनाव को कांग्रेस के पाले में करने के लिए इमरान मसूद की महत्वपूर्ण भूमिका भी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के के बाद इमरान मसूद का नाम सुर्खियों में आया था।

ईडी ने की थी जांच

इमरान मसूद के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तीन साल पहले प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। उन पर आरोप था कि नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष रहने के दौरान उन्होंने करीब चालीस लाख रूपये का गबन किया। इस रकम से उन्होंने गाजियाबाद में आलीशान पेंट हाउस खरीदा था जिसे ईडी ने जब्त कर लिया था। नगर पालिका के तत्कालीन अधिशासी अधिकारी ने 30 सिंतबर 2007 को सहारनपुर कोतवाली में एफआईआर दर्ज करायी थी। पुलिस ने जांच के बाद नवंबर 2009 में इमरान मसूद और एक अन्य के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी। मामला चालीस लाख रूपये की हेराफेरी का होने की वजह से ईडी ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू की थी।

Posted By: Inextlive