-हत्या, डकैती समेत 11 मुकदमों में नामजद था राजू बॉक्सर

-पुलिस कर्मियों पर हमला करने बाद सात माह से था फरार

-सात माह के दौरान नेपाल व दिल्ली में छिपा था बॉक्सर

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DEHRADUN : पांच हजार रुपए का ईनामी बदमाश राजू बॉक्सर आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गया। वह हत्या, डकैती व पुलिस पर हमला करने समेत ग्यारह मुकदमों में वांछित चल रहा था। करीब सात माह से वह पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रहा था। इस बीच वह अंबाला, दिल्ली व नेपाल में बड़े मजे से घूम रहा था। आखिरकार फ्राइडे नाइट को पुलिस ने उसे पटेलनगर एरिया के परवल तिराहे से धर दबोचा। पुलिस की इस कामयाबी पर डीजीपी ने ख्0, डीआईजी ने पांच व एसएसपी ने ढाई हजार रुपए ईनाम देने की घोषणा की है।

सिपाही पर किया था चाकू से वार

दरअसल, गत वर्ष ख्9 सितंबर को देर रात करीब साढ़े ग्यारह बजे नेशविला रोड पर झगड़े की सूचना पर धारा चौकी में तैनात सिपाही अंगेश्वर व अनुज मौके पर पहुंचे। सिपाही ने दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया तो मौके पर मौजूद राजू बॉक्सर ने अंगेश्वर व अनुज पर चाकूओं से ताबड़तोड़ वार कर दिए, जिससे दोनों कांस्टेबल घायल हो गए। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी राजू बॉक्सर भाग निकला था। पुलिस उसे तभी से तलाश रही थी। इसके अलावा वह हत्या, डकैती सहित अन्य ग्यारह मामलों में भी वांछित था। पुलिस ने उस पर पांच हजार रुपए का ईनाम घोषित किया हुआ था।

चढ़ गया पुलिस के हत्थे

फ्राइडे को मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी अजय रौतेला ने बताया कि मामले की जांच शहर कोतवाली व एसओजी की टीम कर रही थी। फ्राइडे लेट नाइट सूचना मिली कि राजू बॉक्सर पटेलनगर थाना एरिया के परवल तिराहे पर देखा गया है। बिना देर किए पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर राजू बॉक्सर को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार कर उसे शहर कोतवाली लाया गया, जहां उससे कड़ी पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह कांस्टेबल अंगेश्वर और अनुज को चाकू मारने के बाद सबसे पहले अंबाला भागा। जहां से कुछ दिन बाद वह दिल्ली अपने मित्र राजवेन्द्र के पास पहुंचा। करीब एक हफ्ते दिल्ली रहने के बाद वह नेपाल चला गया था। जहां वह अपने मित्र जमन सिंह राणा के फार्महाउस में रह रहा था। इसके बाद वह कभी दिल्ली तो कभी नेपाल में रह रहा था।

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सेना से भी भगोड़ा

राजू बॉक्सर क्99ख् में सेना में स्पो‌र्ट्स कोटे से भर्ती हुआ था। एक रोज फाइटिंग के दौरान उसका हाथ फै्रक्चर हो गया। जिसके बाद उसने सेना की जॉब छोड़ दी। सेना से उसे भगोड़ा घोषित किया गया था। नौकरी छोड़ने के बाद वह दून में फिल्म की टिकट ब्लैक कर रहा था। ख्008 में वह प्रॉपर्टी के धंधे में आया। नेपाल में रहने वाला उसका मित्र जमन सिंह व राजू दोनों सेना के बॉक्सर थे।

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पुलिस पर कर चुका है फायर

क्म् अप्रैल ख्00ब् में सहसपुर थाना एरिया के फतेहपुर ग्रांट इलाके में राजू ने अपने कुछ क्रिमिनल साथियों के साथ विधि चंद्र के घर डकैती डाली थी। इस दौरान उन्होंने घर के चौकीदार फीका की हत्या कर दी थी। कुछ समय बाद पुलिस ने राजू को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। राजू इस प्रकरण में जमानत पर चल रहा था। 9 जुलाई ख्00ब् में सहसपुर के जंगलों में राजू की सहसपुर पुलिस से भिड़ंत भी हुई थी। इस दौरान दोनों पक्षों में काफी फायरिंग हुई थी। राजू पुलिस को चकमा देकर भाग निकला था। तत्कालीन सहसपुर इंचार्ज रघुवीर सिंह असवाल ने राजू के खिलाफ पुलिस पर फायर करने का मुकदमा दर्ज करवाया था।

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सहमे रहे थानाध्यक्ष

चेन स्नेचिंग के आरोप में डालनवाला थाने में हिरासत के दौरान रजनीश की मौत के बाद राजधानी के सभी धानाध्यक्ष और कोतवाल डरे हुए हैं। इस बात की तस्दीक शहर कोतवाल के रात्रि भर कोतवाली के चक्कर काटने से लगाया जा सकता है। राजू बॉक्सर को कोतवाली लाने के बाद कोतवाल रात को तीन बार कोतवाली पहुंचे कि कहीं राजू की गुस्से में आकर पुलिस कर्मी पिटाई न कर दें। पुलिस की यह सफलता कहीं उसी के लिए मुसीबत न बन जाए।

Posted By: Inextlive