- कोई गरीब बच्चा फीस के कारण पढ़ने से वंचित हो तो उसकी मदद करो

- आज के जमाने में मुस्कराहट कितनी महंगी हो गई है

बरेली : 'सुनु सुरेस रघुनाथ सुभाऊ, निज अपराध रिसा¨ह न काऊ. जो अपराधु भगत कर करई, राम रोष पावक सो जरई.' श्रीरामचरितमानस की इस चौपाई के माध्यम से श्रीराम कथावाचक मोरारी बापू ने नारी के शील, धर्म, त्याग और तपस्या के साथ ही भजनानंदी व्यक्ति की सारगर्भित व्याख्या की. उन्होंने कहा कि भजनानंदी व्यक्ति को किसी का शोषण नहीं बल्कि पोषण करना चाहिए.

दि इंडियन वुड प्रोडक्ट्स कंपनी लि. (कत्था फैक्ट्री) के प्रांगण में बापू अपनी 825वीं श्रीराम कथा कह रहे हैं. बुधवार को पांचवें दिन उन्होंने कहा कि यग्नसैनी (द्रोपदी) भजनानंदी थी, उसके अंदर राज्य पाने की कामना नहीं थी. अपमान के कारण प्रतिशोध की भावना जरूर थी. पांचाली भगवान श्रीकृष्ण को अपना सखा मानती थी. कौरवों ने पांचाली का अपमान किया था इसलिए वे श्रीकृष्ण के रोष के कारण युद्धभूमि में पांडवों के हाथों मारे गए.मोरारी बापू ने कहा कि आप रामनाम का महामंत्र या शिव, कृष्ण, दुर्गा, गणेश, हनुमान आदि में से किसी का भजन करते हो तो शोषण नहीं पोषण करो. तुम्हारे प्रति कोई दुश्मनी करे तो भी तुम्हारे अंदर उस व्यक्ति के प्रति कटुता नहीं आनी चाहिए. हमारे अंदर यह भावना होनी चाहिए कि किसी जरूरतमंद की ज्यादा से ज्यादा मदद करें. कहा कि यदि कोई गरीब बच्चा फीस के कारण पढ़ाई नहीं कर पा रहा है तो उसकी फीस जमा कर दो. किसी मरीज को दवा दिलाने में मदद कर दो. अन्न क्षेत्र में मदद नहीं कर सकते हो तो प्रसादी को परोसने में ही सेवा कर दो.

रामानुज की परंपरा महान

मोरारी बापू ने कहा कि जगद्गुरु का कौन अनुज कौन अग्रज है. रामानुज की परंपरा महान है. भारत का साधु बूढ़ा हो जाए तो विश्व के लिए घाटे का सौदा है.

क्षमा और न्याय कैसा होना चाहिए

बापू ने कथा प्रसंग में कहा कि एक न्यायविद् ने उनसे पूछा था कि क्षमा और न्याय कैसा होना चाहिए. तब उन्होंने कहा कि बालि को दंड देकर न्याय व सुग्रीव को क्षमा देनी चाहिए. यही काम श्रीराम ने किया था.

महिलाओं का क्या धर्म है

स्त्री को युद्ध के मैदान में आना मना है. पृथ्वी की रक्षा होनी चाहिए. पृथ्वी प्रदूषण से मुक्त रहे. पति के सुबह जागने से पहले पत्नी जाग जाए. पति को भोजन खिलाने के बाद खाना चाहिए. एक माह तक प्रयोग करके देखो फायदा न मिले तो छोड़ देना. कहा कि किसी कंपनी या अन्य जॉब में पति का अपमान हो रहा है तो शालीनता से उसका प्रतिकार करो या फिर कान बंद कर चली आओ.

वैदिक मंत्रों में विश्वास रखो

मोरारी बापू ने कहा कि वैदिक मंत्रों में विश्वास रखो और समय निकालकर जितना बन सके, जप करो तब मंत्रों का प्रभाव आप महसूस कर सकेंगे.

तथाकथित धर्म गुरुओं से सावधान रहो

बापू ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि तथाकथित धर्म गुरुओं से सावधान रहो. ये लोग वैदिक मंत्रों के बजाय अपने मंत्र देने लगे हैं. बापू ने कहा कि जिस बुद्ध पुरुष के अंदर वैदिक नियमों के तहत दस लक्षण हों उसी को सद्गुरु मानो.

कितना बिगड़ गया है दांपत्य जीवन

बापू ने कहा कि दांपत्य जीवन विश्वास पर टिका है, लेकिन कलिकाल में अधिकांश लोगों का दांपत्य जीवन बिगड़ गया है. आज घरों में मुस्कराहट कितनी महंगी हो गई है. छोटी-छोटी बातों में पति-पत्नी लड़ाई कर डिप्रेशन में चले जाते हैं. रामकथा दांपत्य जीवन में प्रेम का संचार करती है.

यह हैं दस अपराध

बापू ने कहा कि सबसे बड़ा अपराध है गुरु निंदा. इष्ट अपराध, नाम अपराध, श्लोक (शास्त्र) अपराध, लोक अपराध, बाल अपराध, स्त्री अपराध, धर्म अपराध, तीर्थ अपराध, ब्राह्मण अपराध व गुरु अपराध.

मंत्र, मूर्ति और माला न बदलो

तथाकथित नहीं बल्कि किसी दस लक्षण वाले सद्गुरु ने मंत्र दिया है तो उसे मत बदलो. मंत्र, मूर्ति व माला बदलने की वस्तु नहीं है. माला तो साहब मालामाल कर देगी.

मोरारी बापू की 826वीं रामकथा छह अप्रैल से रत्नागिरि में

मोरारी बापू की 826वीं नौ दिवसीय श्रीरामकथा उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जनपद के रत्नागिरि में छह अप्रैल से होगी. यह स्थान गोस्वामी तुलसीदास के जन्मस्थान जनपद बांदा के राजापुर के समीप यमुना नदी किनारे पर है.

Posted By: Radhika Lala