- सुबह करीब तीन बजे से ही शुरू हो गया स्नान का सिलसिला

- स्नान के लिए आस-पास के इलाकों से आए हजारों श्रद्धालु

BAREILLY: रामगंगा के किनारे लगे चौबारी मेले में थर्सडे को भोर से ही कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान का सिलसिला चला। श्रद्धालुओं ने रामगंगा में सूर्योदय के साथ ही आस्था की डुबकी लगाई। डुबकी लगाने का सिलसिला भोर से शुरू होकर शाम तक चलता रहा। इस मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल व अन्य समितियों समेत स्काउट कमेटी के वालंटियर्स लोगों की सुरक्षा के लिए मौजूद रहे। सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने पूरी व्यवस्था कर रखी थी। हर घाट सीसीटीवी कैमरे की नजर में था। वहीं सुरक्षित स्नान के लिए प्रशासन की ओर से कम पानी वाले स्थानों पर नदी में बैरिकेडिंग की गई थी। श्रद्धालुओं का रेला इस कदर था कि लोगों ने ट्रेन में सीट ना मिलने पर ट्रेन के ऊपर लटककर सफर किया।

सुबह तीन बजे से हुई शुरुआत

सुबह करीब तीन बजे से ही घाट पर स्नान का सिलसिला शुरू हो गया। स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं की संख्या इतनी ज्यादा था कि लोग ट्रेन के ऊपर चढ़ गए। इस मौके पर पंडो की ओर से घाटों पर अपने डेरे जमाने का काम चलता रहा। हर पंडा अपने डेरे में लोगों के पूजन-अर्चन की व्यवस्था किए था। स्नान के बाद पंडों के पास पहुंच कर श्रद्धालुओं ने परंपरानुसार विधि विधान के साथ पूजन अर्चन कर देवों से सुख समृद्धि मिन्नतें की। वहीं दूसरी ओर नखासा पशु बाजार पहुंचकर लोगों ने पशुओं की खरीददारी की। वहीं, घुड़दौड़ को भी लोगों ने एंज्वॉय किया।

शायरों ने लूटी महफिल

इस अवसर पर ऑल इंडिया कल्चरल एसोसिएशन की ओर से नाटक 'चलो गंगा की ओर' लोकगीत, लोकनृत्य का आयोजन किया गया। वहीं, उप्र कौमी एकता एसोसिएशन की ओर से लगाए गए कैंप की श्रद्धालुओं ने मदद ली। दूसरी ओर एकता नृत्य नाट्य संस्था की ओर से शानदार मुशायरे का आयोजन हुआ, जिसका उन्हें लुत्फ उठाने का मौका मिला। रिछा से आए आजम खां ने 'हमेशा खौफ रहता किसी के रूठ जाने का, बड़ी मुश्किल से कोई इश्क का इजहार करता है', शायर बाकर जैदी ने 'हर एक दिल दिमाग है हमसे फिरा हुआ, तुम क्या खफा हुए कि जमाना खफा हुआ' समेत इश्तयाक अहमद, तंजीम बरेलवी, हिलाल बदायूंनी, असरार नसीमी, नगमा बरेलवी, विनय सागर, शालिनी गुंजन आदि कवियों ने भी अपनी प्रस्तुतियों से श्रोताओं का दिल जीत लिया।

Posted By: Inextlive