RANCHI : रांची और खूंटी के बाद अब रामगढ़ में भी सीडब्ल्यूसी के अजब-गजब कारनामा किए जाने का मामला सामने आया है। अब देखिए ना। हजारीबाग से रामगढ़ में अपने मामा के घर आए एक बच्चे को उसने रेस्क्यू कराने के नाम पर पहले अपने पास रख लिया, फिर उसे छोड़ने के एवज में दस हजार रुपए की डिमांड कर डाली। काफी मुश्किलों के बाद पांच हजार रुपए लेकर सीडब्ल्यूसी ने बच्चे को उसके परिजनों के हवाले किया। इससे संबंधिय वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो चुका है।

दुकान से बच्चे को उठाया

भुक्तभोगी का कहना है कि उनका भांजा उनकी दुकान पर उसके बेटे के साथ आया था। इसी दौरान सीडब्ल्यूसी के मेंबर दुकान पर पहुंचे और बच्चे को जबरन उठा लिया। जब वे बच्चे को ले जाने के लिए सीडब्ल्यूसी के दफ्तर आए तो यहां चेयरमैन मुन्ना पांडेय और मेंबर आकाश शर्मा ने दस हजार रूपए की मांग की। हालांकि, पांच हजार रुपए में वे मान गए और फिर बच्चे को छोड़ा।

63 बच्चों का रेस्क्यू, 49 छूटे

होटलों, ढाबों व दुकानों में काम करनेवाले बच्चों को रामगढ़ सीडब्ल्यूसी ने एक अभियान चलाकर पकड़ा था। 2017 से लेकर जुलाई, 2018 तक 63 बच्चों का रेस्क्यू किया गया था। उनमें से लगभग 49 बच्चों को छोड़ दिया गया। इस संबंध में न तो प्राथमिकी दर्ज की गई और न ही इस संबंध में बाल संरक्षण आयोग को ही कोई सूचना दी गई। यह सब कारनामा पूर्व अध्यक्ष कैलाश कुमार के समय हुआ था। इसमें कई बच्चे ऐसे हैं जिसमें समिति नहीं, बल्कि सिंगल सिग्नेचर से बच्चे को छोड़ दिया गया।

Posted By: Inextlive