मोदी मंत्रीमंडल में शामिल राज्‍यमंत्री रामशंकर कथेरिया विवादों में फंसते दिखाई दे रहे हैं. उन पर आरोप है कि उन्‍होंने अपनी बीए और एमए की मार्कशीट में जालसाजी की है. मामले में 26 नवंबर से आगरा के सत्र न्‍यायालय में ट्रायल शुरू हो जाएगा. वहीं दूसरी ओर कथेरिया का आरोप है कि ये पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है और फ‍िलहाल उन्‍हें राज्‍य के शिक्षा विभाग की जांच में क्‍लीन चिट भी मिल चुकी है.

2010 में बसपा उम्मीदवार ने दर्ज कराया था मामला
जानकारी है कि 2010 में कथेरिया के विरोधी बीएसपी उम्मीदवार ने उक्त मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. इसके खिलाफ कथेरिया इलाहाबाद हाईकोर्ट चले गए थे. वैसे रामशंकर कथेरिया के खिलाफ और भी 21 अलग-अलग मामले दर्ज हैं. वहीं अब एक बार फिर उनपर आरोप लगने के बाद कथेरिया ने कहा है कि वो किसी भी एजेंसी से जांच करवाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने आश्वस्त कराया कि किसी भी एजेंसी की जांच में वह किसी भी तरह की बाधा नहीं डालेंगे.
क्या कहते हैं कथेरिया
वहीं दूसरी ओर मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री रामशंकर कथेरिया ने बताया कि अगर वह सभी फर्जी दस्तावेज होते तो शिक्षा विभाग खुद उसकी गहराई के साथ  जांच कराता. फिलहाल मामले को लेकर जिलाधिकारी से लेकर पुलिस तक ने जांच कर ली है. उन्होंने कहा कि बसपा का हारा हुआ प्रत्याशी कुंवर सिंह हारने के बाद किसी न किसी तरह से उन्हें जेल भेजना चाहता है. अब ये मामला कोर्ट के आधीन है.
जब सलमान खुर्शीद ने ली चुटकी
उधर, दूसरी ओर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने भी कहा कि मानव संसाधन मंत्रालय के राज्यमंत्री हैं कथेरिया साहब. उनको ये भी नहीं मालूम कि मार्कशीट पर नंबर खुद से नहीं लिखे जाते हैं. चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि ये तो पूरी तरह से 'मेक इन इंडिया' हो गया. कथेरिया का ये कहना कि राजनीतिक प्रतिद्वंदिता है, इस तरह का कहना तो चलता ही रहता है, लेकिन आप तो ये बताओ कि फिलहाल कहां है आपकी डिग्री.

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Posted By: Ruchi D Sharma