क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ:भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा क्षतिग्रस्त होने के बाद आदिवासी संगठनों ने रांची बंद का आह्वान किया था. लेकिन रांची बंद का असर राजधानी समेत आसपास के इलाकों में नहीं दिखा. सुबह नौ बजे के बाद कुछ बंद समर्थक कार्यकर्ताओं ने भले ही सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया हो. लेकिन प्रशासन ने बंद समर्थकों से सख्ती से निपटने की तैयारी पहले से कर रखी थी. हालांकि जिस जोश के साथ बिरसा मुंडा के सम्मान में बंद का आह्वान किया गया था, बंद उतना असरदार रहा नहीं. दोपहर बाद रांची में जन जीवन सामान्य रहा. हालांकि कुछ नेताओं की गिरफ्तारी जरूर हुई, लेकिन इससे रांचीवासियों को कोई प्रभाव नहीं पड़ा. बता दें कि गुरुवार देर रात कोकर स्थिति भगवान बिरसा मुंडा समाधि स्थल में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा क्षतिग्रस्त हो गई थी.

राजनीतिक दलों का समर्थन

आदिवासी संगठनों की ओर से बंद के आह्वान को राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया था, जिसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा, वामदल, कांग्रेस, झारखंड विकास मोर्चा आदि शामिल थे. साथ ही कुछ अन्य सामाजिक संगठनों ने भी बंद का समर्थन किया. जिसमें कई नेताओं की गिरफ्तारी हुई. बंद को सफल बताते हुए भाकपा की ओर से बयान दिया गया कि बंद शांतिपूर्ण सफल रहा, जो यह बताता है कि अगर राज्य में वीर सपूतों का अपमान किया जाएगा, तो राज्य की जनता इसे कभी सहन नहीं करेगी.

बंद समर्थकों गिरफ्तार

बंद समर्थक जहां से निकल रहे थे रांची बंद करने, उन्हें वहीं पर गिरफ्तार कर लिया जा रहा था. अनेक नेताओं के साथ कई सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की भी गिरफ्तारी हुई. जयपाल सिंह स्टेडियम परिसर से आदिवासी जन परिषद सहित अनके आदिवासी संगठनों ने एकजुट होकर जुलूस निकाला. जिन्हें पुलिस बल ने गिरफ्तार किया. वहीं आमया की ओर से भी बंद के समर्थन में सड़क पर उतर कर रांची बंद कराया गया. इस तरह अन्य समर्थकों को भी गिरफ्तार किया गया.

Posted By: Prabhat Gopal Jha