रांची का बुराड़ी कांड! शानोशौकत पर हर माह 3.50 लाख खर्च करता था क्रिसलय
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RANCHI : कांके के अरसंडे में सात परिजनों की मौत मामले में जिस क्रिसलय मिश्रा को रांची पुलिस ने रिमांड पर लेकर पूछताछ की, उसकी लुटिया फिजूलखर्ची में डूब गई। क्रिसलय ने बताया कि वह कभी करोड़पति था। 3.50 लाख रुपए मंथली अपने ऊपर खर्च करता था। विदेशी गाडिय़ों में घूमता था। लेकिन, एक दिन ऐसा आया कि कंपनी के इस मालिक को रांची में दूसरे के यहां प्राइवेट जॉब करना पड़ा। 10 रुपए की जलेबी खाकर दिन गुजारना पड़ा। क्रिसलय ने बताया कि उसका ओरिजनल नाम कांतेश कुमार मिश्रा है, जो उसके पेरेंट्स ने उसे दिया था। लेकिन, यह करोड़पति कांतेश कुमार मिश्रा मुफलिसी में क्रिसलय मिश्रा बन गया। यह खुलासा क्रिसलय ने उस वक्त किया जब पुलिस उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही थी।
साढ़े तीन लाख रुपए मंथली खर्च
कांतेश कुमार मिश्रा उर्फ क्रिसलय मिश्रा जब करोड़पति था तो उसका प्रतिमाह खर्च 3.50 लाख रुपए था। वह महंगे होटल में खाता था और महंगे व ब्रांडेड कपड़े पहनता था। उस समय उसके पास विदेशों से खरीदी हुई गाडिय़ां थीं, जिस पर वह सैर करता था। वह कभी पैदल नहीं घूमता था और अधिकतर समय विदेशों में ही बिजनेस के सिलसिले में रहता था।
10 रुपए की जलेबी खाकर काटा दिन
उसने पुलिस को बताया कि जब वह पिता की कंपनी से निकाला गया तो रांची आकर नौकरी की तलाश करने लगा। लेकिन, उसे कहीं अच्छी जॉब नहीं मिल रही थी। जब वह किसी को प्रोफाइल दिखाता तो उसे नौकरी देने से मना कर दिया जाता था। कांतेश कुमार मिश्रा के पास जीने के लिए कुछ नहीं था। उसने अपने डॉक्यूमेंट को ठंडे बस्ते में डाला और फर्नीचर कंपनी में बतौर सेल्समैन काम करने लगा। उसे बहुत कम सैलरी मिलती थी। वह दस रुपए की जलेबी खाकर अपना दिन काटता था। ऐसे में उसे दीपक मिला तो दीपक ने कहा कि वह उसके घर में पेइंग गेस्ट रहे और पांच हजार रुपए महीने में दे। वह एक माह तक दीपक के घर में रहा और वहां उसने पांच हजार रुपए भी दिए। फिर, घर छोटा होने के कारण उसने वहां रहना छोड़ दिया था। पुलिस को कांतेश कुमार मिश्रा ने बताया कि दीपक अपनी बर्बादी का स्वयं कारण बन गया था। वह पैसे मिलने के बाद निश्चिंत होकर बैठ जाता था। फिर जब तंगी आती थी तो पैसे के जुगाड़ या इसकी टोपी उसके सिर करने लगता था।
पत्नी से तलाक, लखनऊ में रहती है बच्चे के साथ
कांतेश कुमार मिश्रा ने बताया कि उसकी शादी हुई थी और उसका एक बच्चा भी था। पर, फैमिली डिसप्यूट के कारण उसका पत्नी से तलाक हो गया। उसकी डाइवोर्सी पत्नी एक बच्चे के साथ लखनऊ में रहती है। उसने अपनी जिंदगी से तंग आकर सुसाइड करने की कोशिश की पर वह हर बार बच जाता था।
एसएमयू से किया डिप्लोमा
कांतेश कुमार मिश्रा उर्फ क्रिसलय मिश्रा ने सिक्किम मणिपाल यूनिवर्सिटी(एसएमयू)से कंप्यूटर में डिप्लोमा किया था। इसके बाद टाटा स्टील जमशदेपुर से करार हुआ और पिता विजय नारायण मिश्रा की कंपनी में बतौर सलाहकार नियुक्त हो गया था। वह हाई प्रोफाइल मेंटलिटी का था। कंपनी में बहनोई के शेयर होल्डर व हस्तक्षेप के कारण उसने कंपनी छोड़ दी थी। कांतेश कुमार मिश्रा वहां से सबकुछ छोड़कर रांची आ गया था।
25 साल की उम्र में हुई बाइपास सर्जरी
उसने बताया कि 25 साल की उम्र में ही उसकी बाइपास सर्जरी हो चुकी है। उसके पांव खराब हैं और उसे रक्तचाप बढऩे की शिकायत भी है। उसने कहा कि वह हाई प्रोफाइल जिंदगी जीना चाहता था। इसके लिए उसने फिर से प्रयास कर दिया था।
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