RANCHI: स्वच्छता सर्वे में इंदौर को ऐसे ही नंबर वन रैंकिंग नहीं मिली है। वहां के सिस्टम के साथ ही लोगों ने भी सिटी को स्वच्छ बनाने में अहम योगदान दिया। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इंदौर में 29 हजार घरों में गीले कचरे की होम कंपोस्टिंग होती है, जिसका इस्तेमाल लोग खाद के रूप में करते हैं। लेकिन रांची की बात करें तो गिनती के अपार्टमेंट्स में ही ऐसी व्यवस्था की गई है। अगर घरों की बात करें तो शायद ही किसी ने अपने घरों में गीले कचरे की कंपोस्टिंग शुरू की होगी। यही वजह है कि रांची इस बार रैंकिंग में पिछड़ गई है। बताते चलें कि सिटी में एक लाख 70 हजार हाउस होल्डर्स हैं।

वेस्ट टू कंपोस्ट प्लान फेल

रांची नगर निगम ने वेस्ट टू कंपोस्ट को लेकर योजना बनाई। इसमें सिटी के रेजीडेंट्स को अपने घरों में ही गीला कचरा के डिस्पोजल करने को कहा गया था। ताकि वेस्ट के डिस्पोजल में रांची नगर निगम को ज्यादा मशक्कत न करनी पड़ी। वहीं हर घर से कम कचरा निकले। लेकिन लोगों ने अपने घरों में गीले कचरे के डिस्पोजल को लेकर इंटरेस्ट नहीं दिखाया। इतना ही नहीं, लोगों ने कूड़ा कलेक्ट करने वाली एजेंसी को भी सूखा और गीला कचरा अलग करके नहीं दिया।

Posted By: Inextlive