RANCHI: सिटी में साफ-सफाई के लिए 150 गाडि़यां किराये पर लेकर चलवा रहे रांची नगर निगम की करोड़ों की गाडि़यां छोटे-मोटे मेंटेनेंस के अभाव में स्क्रैप बन चुकी हैं। 40-40 लाख के कांपैक्टर स्क्रैप बन चुके हैं। वहीं छोटी गाडि़यों के चक्के गायब हैं तो किसी के पा‌र्ट्स भी नहीं हैं। कई गाडि़यों का तो अस्तित्व भी नहीं बचा है। आश्चर्य तो तब होती है जब अपनी 100 गाडि़यों से साफ-सफाई में परेशानी बताकर नगर निगम में नई गाडि़यां खरीदने के लिए लाखों रुपए का फंड पास हो जाता है लेकिन गाडि़यों के रख-रखाव के लिए पैसे नहीं हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि रांची नगर निगम पुरानी गाडि़यों का मेंटेनेंस क्यों नहीं कराया? जाहिर है नई गाडि़यां खरीदने से कम पैसे में तो मेंटेनेंस के बाद गाडि़यां काम लायक हो ही जातीं। लेकिन यह बात नगर निगम समझे तब तो।

40-40 लाख के कांपैक्टर बने स्क्रैप

वेस्ट कलेक्शन को बेहतर बनाने और डंपिंग यार्ड तक पहुंचाने के लिए गाडि़यों की खरीदारी की गई थी। लेकिन कुछ दिनों बाद ही गाडि़यों को नगर निगम के स्टोर में लाकर खड़ा कर दिया गया। समय बीतने के साथ गाडि़यों की भी स्थिति खराब हो गई। अब 40-40 लाख के कांपैक्टर स्क्रैप बन चुके है। वहीं छोटी गाडि़यों के चक्के गायब है तो किसी के पा‌र्ट्स भी नहीं है। वहीं कई गाडि़यों का तो अस्तित्व भी नहीं बचा है।

नई के लिए फंड, मेंटेनेंस का पैसा नहीं

सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के नाम पर नई गाडि़यों की खरीदारी का सिलसिला शुरू हो चुका है। जिसके तहत 20 नई टाटा एस की खरीदारी की जा चुकी है। इसमें नगर निगम से लाखों रुपए का फंड दिया गया। लेकिन पुरानी गाडि़यों के मेंटेनेंस के लिए नगर निगम के पास पैसे ही नहीं है। जबकि पुरानी गाडि़यों को थोड़ा खर्च कर चलने लायक बनाया जा सकता था।

किराये पर चलवा रहा गाडि़यां

नगर निगम के पास काम के लिए पर्याप्त गाडि़यां नहीं हैं। ऐसे में नगर निगम किराए पर गाड़ी लेकर काम चला रहा है। इसके बदले में गाडि़यों के मालिकों को अच्छे पैसे दिए जाते हैं, जिसमें गाड़ी का मेंटेनेंस से लेकर सभी खर्च शामिल होता है। इसके बाद नगर निगम को गाडि़यों को लेकर कोई टेंशन नहीं होती। वहीं नगर निगम के पास 100 गाडि़यां अपनी हैं, जिसमें से दर्जनों गाडि़यां बदहाल स्थिति में पहुंच गई हैं पर उसके मेंटेनेंस को लेकर अधिकारी गंभीरता नहीं दिखाते।

नगर निगम के ट्रांसपोर्ट अधिकारी से सीधी बात

डीजे आईनेक्स्ट: नगर निगम के पास सफाई के लिए कितनी गाडि़यां हैं?

जवाब : नगर निगम की अपनी 100 गाडि़यों से सफाई होती है। वहीं 150 गाडि़यां किराए पर चल रही हैं।

डीजे आईनेक्स्ट: बड़ी-बड़ी गाडि़यां छोटे-मोटे मेंटेनेंस के अभाव में कबाड़ बनती जा रही हैं। आपलोग क्या करते हैं?

जवाब : हमलोग गाडि़यों के मेंटेनेंस के लिए टेंडर निकाल रहे हैं। लेकिन कोई भी इंटरेस्ट नहीं दिखा रहा है। कुछ गाडि़यां तो ए टू जेड एजेंसी की हैं, जिसे हमने एग्रीमेंट के अनुसार अपने हाथों में तो ले लिया है। लेकिन उसका मेंटेनेंस नहीं करा सकते चूंकि मामला कोर्ट में है।

वर्जन

हमलोग गाडि़यों की रिपेयरिंग कराने का काम कर रहे हैं। जल्द ही गाडि़यों को चलने लायक बना लिया जाएगा।

गिरिजा शंकर प्रसाद, अपर नगर आयुक्त, आरएमसी

Posted By: Inextlive