क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: कांट्रैक्ट स्टाफ्स जैसे पारा टीचर्स को भी चुनावी ड्यूटी में लगाएं. यह निर्देश झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एल खियांग्ते ने दिया है. सोमवार को वह विडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए प्रमंडलीय आयुक्तों व संबंधित जिलों के निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ चुनाव की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे. इस दौरान कोल्हान, संथाल परगना व पलामू प्रमंडल के आयुक्तों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए. बताया कि भारत निर्वाचन आयोग से प्राप्त निर्देश के आधार पर कांट्रैक्ट स्टाफ्स को पोलिंग अफसर की ड्यूटी दी जा सकती है, लेकिन पीठासीन पदाधिकारी के तौर पर नियुक्त नहीं किया जा सकता है. नियमित सरकारी कर्मी ही पीठासीन पदाधिकारी होंगे.

दिव्यांग वोटर्स को मिले फैसिलिटी

उन्होंने कहा कि दिव्यांग मतदाताओं की चुनाव प्रक्त्रिया में सहभागिता सुनिश्चित करने की दिशा में प्रमडंलीय आयुक्त को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा एक्सेसिबिलिटी आब्जर्वर के तौर पर नामित किया गया है. ये दिव्यांग मतदाताओं की पहचान, निर्वाचक नामावली में उनके नाम की प्रविष्टि और उन्हें उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं के साथ-साथ विधि व्यवस्था और निर्वाचन कार्य हेतु वाहनों की व्यवस्था से संबंधित विषयों की भी मॉनिटरिंग करेंगे.

सी.विजिल पर कंप्लेन का हो निपटारा

श्री खियांग्ते ने सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को कहा कि वे सी.विजिल पर आचार संहिता उल्लंघन से संबंधित शिकायतों का निपटारा निर्धारित समय में ही करें. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी पदाधिकारियों को गैर जमानती वारंट से संबंधित लंबित मामलों का जल्द निपटारा करने व निवारक निरोध से संबंधित धाराओं के अधीन कार्रवाई का निर्देश दिए.

डिस्ट्रिक्ट आईकॉन की रिपोर्ट दें

श्री खियांग्ते ने कहा कि हर जिले में मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमिटी की बैठक कर उसकी रिपोर्ट भेजें. इस क्रम में जिन जिलों से रिपोर्ट नहीं मिली है वो जल्द रिपोर्ट दें. उन्होंने सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को कहा कि वे डिस्ट्रिक्ट आईकॉन से संबंधित रिपोर्ट भेजें.

राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को ट्रेनिंग

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर चुनाव प्रचार से संबंधित विभिन्न अनुमतियों के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लांच सुविधा सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल को लेकर हैंड्स् आन प्रशिक्षण दिया जाए. उन्होंने कहा कि जिन जिलों में अभी भी सेक्टर अफसर और पुलिस अफसर का शत प्रतिशत प्रशिक्षण नहीं हो सका है, उसे तुरंत पूरा किया जाए.

Posted By: Prabhat Gopal Jha