क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ:सोमवार को ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा के अवसर पर भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भगवान बलराम को महास्नान कराया गया. इसके बाद भगवान 15 दिनों के लिए अज्ञातवास में चले गए. महास्नान के दौरान रांची के जगन्नाथपुर मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ी. वहीं, 3 जुलाई को नेत्रदान और 4 जुलाई को रथ यात्रा है. 12 जुलाई को घुरती रथ यात्रा का आयोजन किया जाएगा.

पूरे विधि-विधान से अनुष्ठान

पूरे विधि-विधान के साथ मंदिर के प्रधान पुजारी बृजभूषण नाथ मिश्र ने सर्वप्रथम भगवान को स्नान कराया. जल में अश्वगंधा, हल्दी, गुलाब और गंगाजल को मिले जल से भगवान को स्नान कराया गया. बता दें कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर राजधानी के धुर्वा स्थित जगन्नाथपुर मंदिर में भी पूजा-अर्चना की जाती है. इस साल भी रांची में पुरी की तर्ज पर भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भगवान बलराम को महास्नान कराया गया. इसके बाद विशेष पूजा-अर्चना कर महाआरती की गई. भक्तों ने भगवान को स्नान कराया. इसके बाद 15 दिनों के लिए भगवान जगन्नाथ अपने भाई और बहन के साथ अज्ञातवास के लिए चले गए. 3 जुलाई को भगवान अज्ञातवास से बाहर आएंगे और शाम में भगवान की पूजा अर्चना के बीच नेत्रदान किया जाएगा.

रथयात्रा के दिन पूर्ण नक्षत्र योग

गौरतलब है कि 3 जुलाई को भगवान जगन्नाथ का दर्शन सुलभ होगा. इसके बाद महाआरती की जाएगी और प्रसाद का वितरण भी होगा. 4 जुलाई को रथयात्रा है, इस दिन पूर्ण नक्षत्र का भी योग मिल रहा है. सुबह 4 बजे से भगवान की पूजा अर्चना शुरू हो जाएगी. सुबह 5 बजे के बाद भक्तों के लिए मंदिर का पट खोल दिया जाएगा. इसके बाद भगवान को रथ पर सवार करने के बाद विष्णु सहस्त्रनाम अर्चना स्तुति आरती के बाद रशाबंधन होगा. भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ मौसी बाड़ी में विश्राम करेंगे. मौसी बाड़ी में ही 11 जुलाई तक पूजा-अर्चना होगी. 12 जुलाई को घुरती रथ यात्रा का आयोजन होगा.

Posted By: Prabhat Gopal Jha