RANCHI: अक्सर पाइपलाइन में लिकेज व फटने के कारण पानी को तरसने वाले सिटी के लोगों को बड़ी राहत मिलने वाली है। दरअसल, पेयजल व स्वच्छता विभाग ने सिटी में वाटर सप्लाई का जिम्मा प्राइवेट एजेंसी को सौंपने का निर्णय लिया है। इसके तहत पाइपलाइन से जुड़ी जितनी भी समस्याएं होंगी उसे एजेंसी अपने स्तर से सॉल्व करेगी। जाहिर है अफसरशाही का खामियाजा लोगों को नहीं भुगतना पड़ेगा और एजेंसी अपने स्तर से बेहतर व्यवस्था करेगी।

तीनों डैमों के लिए सेपरेट एजेंसी

जलापूर्ति पाइपलाइन का रख-रखाव थर्ड पार्टी करेगी। पेयजल और स्वच्छता विभाग की तरफ से जलापूर्ति पाइपलाइन से संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर की देखरेख की जवाबदेही रांची शहर में एजेंसियों को दी जाएगी। विभाग की देखरेख में राजधानी में तीन जलाशय रुक्का, हटिया व गोंदा से जुड़ी जलापूर्ति पाइपलाइन नेटवर्क में किसी भी तरह की गड़बड़ी को दुरुस्त करने, पानी की गुणवत्ता बरकरार रखने, किसी भी तरह के मैकेनिकल अथवा इलेक्ट्रिकल ब्रेकडाउन के लिए तीनों जलाशयों के लिए अलग-अलग एजेंसी का चयन किया जाएगा।

14 करोड़ किया जाएगा खर्च

इन डैम की पाइपलाइन और रख-रखाव पर करीब 14 करोड़ 28 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। हटिया डैम से जुड़ी आधारभूत संरचना और 14 पानी टंकियों तक के नेटवर्क के लिए 2.54 करोड़ रुपए का बजट तैयार किया गया है। वहीं रुक्का डैम से जुड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर 9.94 करोड़ व गोंदा डैम के लिए 1.80 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। एजेंसियों को राइजिंग वाटर मेन, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, रॉ वाटर प्लांट, सभी पाइपलाइन की मरम्मत, क्लोरीफि केशन, रैपीड ग्रैविटी सैंड फि ल्टर की देखरेख भी करनी होगी। इसके अलावा सभी जलापूर्ति पानी की टंकियों में लगे मैकेनिकल मोटर पंपों का रख-रखाव, पूरी पंपिंग व्यवस्था को सुचारू ढंग से संचालित रखने की भी जवाबदेही एजेंसी की ही होगी।

प्रति हजार लीटर मिलेगा एजेंसी को पैसा

पेयजल और स्वच्छता विभाग के अधीक्षण अभियंता अर्बन सुशील कुमार ने बताया कि सरकार की तरफ से एक हजार लीटर के पानी के आपरेशन और मेंटेनेंस पर दो रुपए खर्च किए जाएंगे। इसमें रॉ वाटर की शुद्धता, उसके क्लोरीनेशन, इलेक्ट्रीसिटी की खपत और पाइपलाइन की टूट-फूट तक को दुरुस्त करने का काम शामिल है। जलापूर्ति पाइपलाइन के तहत एजेंसी को सब काम करना होगा।

Posted By: Inextlive