Ranchi : स्टूडेंट्स को ज्यादा से ज्यादा फैसिलिटीज मिले इसके लिए रांची वीमेंस कॉलेज ने पहल शुरू कर दी है. स्टूडेंट्स को कैंटीन का तोहफा मिला है. थर्सडे को साइंस Žलॉक में कैंटीन की ओपनिंग हुई. इनिशियल फेज होने की वजह से कैंटीन में नेसेसरी फैसिलिटीज के अरेंजमेंट में थोड़ा और वक्त लगेगा. कैंटीन के इनॉगरेशन सेरेमनी में प्रिंसिपल डॉ मंजू सिन्हा और फैकल्टी मेंबर्स समेत कई स्टूडेंट्स मौजूद थे.


पढ़ती हैैं 15 हजार स्टूडेंट्स

रांची वीमेंस कॉलेज में करीब 15 हजार स्टूडेंट्स पढ़ाई करती हैं। यहां इंटर से पीजी लेवल तक कई कोर्सेज की पढ़ाई होती है। कॉलेज आवर मे कॉलेज कैंपस हजारों स्टूडेंट्स से गुलजार रहता है, लेकिन इन स्टूडेंट्स को उस वक्त थोड़ी परेशानी होती है, जब नाश्ता-पानी के लिए उन्हें कैंपस के बाहर स्थित होटल्स अथवा ठेले के पास जाना होता है। इसकी वजह कॉलेज का अपना कैंटीन नहीं होना है, पर अब स्टूडेंट्स को फ्री टाइम में चाय अथवा नाश्ता के लिए कैंपस के बाहर निकलना होगा और न ही वहां अड्डा जमाकर रहनेवाले मनचलों का फिल्दी कमेंट्स सुनना पड़ेगा। खाने-पीने की चीजें अब कैंपस के अंदर कैंटीन में अवेलेबल होंगी।

आरयू के कॉलेजेज में नहीं हैं कैंटीन  
रांची यूनिवर्सिटी के किसी भी कॉन्एटीट्यूएंट और एफिलिएटेड कॉलेजेज में कैंटीन नहीं है। ये कॉलेजेज बिना कैंटीन के ही रन कर रही हैं। हालांकि सभी कॉलेजेज में कैंटीन हो, लास्ट ईयर वीसी डॉ एलएन भगत ने इसका आश्वासन दिया था, उन्होंने मोरहाबादी स्थित पीजी कैंपस के लिए भी कैंटीन खोलने की बात कही थी, लेकिन एक साल गुजर गए, न तो पीजी कैंपस और न ही कॉलेजेज में कैंटीन खोलने की कोई पहल हुई।

कैंटीन ने गिराया कॉलेज का ग्र्रेड
गौरतलब है कि  ऑटोनोमस कॉलेज का दर्जा प्राप्त रांची कॉलेज को यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) से 'बीÓ ग्र्रेड सिर्फ इसलिए मिला कि यहां कैंटीन की व्यवस्था नहीं थी। करीब दो महीने पहले कॉलेज के इंस्पेक्शन के लिए आई नैक की टीम ने कॉलेज में कैंटीन और कॉमन रुम नहीं होने पर ऑŽजेक्शन किया था और अपनी रिपोर्ट
में कॉलेज को बी ग्र्रेड देने की सिफारिश कर दी थी।

Posted By: Inextlive