बढ़ रहे दवाओं के रेट, मरीज बेहाल
ओआरएस, लीवर, बुखार की गोलियों के रेट बढ़े
Meerut। डायरिया व बुखार के मरीजों पर अब महंगी दवाइयों की मार भी पड़ेगी। वजह ओआरएस लिक्विड, बुखार, लीवर की दवाइयां महंगी हो गई हैं। इसके अलावा कई अन्य दवाइयों के महंगा होने से मरीजों पर इलाज की दोहरी मार पड़ना लाजमी है। यह आया है फर्क दवाइयां-पुराने रेट-नए रेट-प्रयोग ओआरएस लिक्विड-25-35-37-डायरिया, बुखार, पानी की कमी डूफास्टन- 515-555- गर्भवती महिलाओं के लिए यूडिलीवर-254-270-यूरिक एसिड हैप्ट्रोल-878-950- लीवर शीकॉल-74-82- कैल्शियम कॉम्बिफ्लेम-20-22- बुखार व बदन दर्द सीकॉड-245-265- नसों की ताकत के लिए यह है कारणदवा विक्रेता मनोज शर्मा के मुताबिक जीएसटी लगने के बाद से दवाओं की कीमत लगातार बढ़ रही हैं। अधिकतर कंपनियों ने सीधे ही एमआरपी बढ़ानी शुरू कर दी है। जबकि कुछ दवाइयों के रेट तीन-चार महीने में दो बार रिवाइज हो गए हैं। कंपनियों ने दवाइयों के दाम में 100 रूपये तक बढ़ा ि1दए हैं।
इनका कहना दवाइयों के रेट बढ़ने को लेकर अब कंपनियां सर्कुलर जारी नहीं कर रही हैं। सीधे प्रोडक्ट आने पर ही रेट बढ़ने की जानकारी मिलती है। कंपनियां जीएसटी का हवाला देकर रेट बढ़ा रही हैं। रजनीश कौशल, महामंत्री, दवा विक्रेता एसोसिएशनबीमारियों का सीजन आने पर दवाइयों के दामों के बढ़ने से मरीजों की जेब पर मार पड़ना तय है।
अंजलि दवाइयों के रेट बढ़ते जाते हैं लेकिन सरकार इस पर कोई कदम नहीं उठाती। गरीब लोगों पर सबसे ज्यादा मार पड़ती है। पायल शर्मा बुखार और डायरिया के मरीजों के लिए मुश्किलें बढे़गी। सीजन पर दवाइयों के रेट बढ़ने से मरीजों को नुकसान होगा। सोनू