इनफर्टिलिटी के कारणों का पता लगाएगा जेनेटिक लैब
- अगले महीने से शुरू होगा जेनेटिक लैब
- मेल इनफर्टिलिटी के कारणों का पता लगाना होगा आसान PATNA : इन दिनों कपल्स में इनफर्टिलिटी के केसेज बढ़ रहे हैं। पटना के एम्स में इसका खास ध्यान रखते हुए जेनेटिक लैब खोला जा रहा है। इसे शुरू करने का एक ही मोटिव है मेल इनफर्टिलिटी के कारणों का पता लगाना। इस लैब की हेल्प से इनफर्टिलिटी के कारणों का खुलासा आसानी से संभव होगा। इस खास पर्पस को लेकर लैब मेडिसीन और पैथोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड डॉ अजीत कुमार सक्सेना एक्टिवली काम कर रहे है। वे फिलहाल मेल इनफर्टिलिटी के जेनेटिक कारणों पर रिसर्च कर रहे हैं। स्टडी के अकॉर्डिग मेल इनफर्टिलिटी के कम से कम क्0 पर्सेट कारण जेनेटिक होते है। इसे डीटेल में जानने के लिए लैब की भूमिका इंपॉर्टेट है। लगी हैं हाईटेक मशीनेंमशीनों की हेल्प से इनफर्टिलिटी के कारणों का पता लगाना और भी आसान हो गया है। बिहार में पहली बार एम्स में इसके लिए स्टेट ऑफ द आर्ट की मशीनें लगी है। इसके अंतर्गत नैनोड्रॉप स्पेक्ट्रोमीटर जिसकी हेल्प से डीएनए, आरएनए और प्रोट्रीन की जाचं की जाएगी। इसकी सात लाख रूपये लागत इसके अलावा जीन के सिंपटम्स की पहचान के लिए पॉलीमर चेन रिऐक्शन मशीन भी लगाई गई है।
अगले महीने से होग स्टार्ट
जानकारी के अकॉर्डिग लैब में आधुनिक मशीने लग जाने के बाद यह काम करने लगेगा। डिपार्टमेंट के अकॉर्डिग अगले महीने तक यह पूरी तरह से फंक्शनल हो जाएगा। इसके लिए तैयारी चल रही है। मेल जीन है बड़ा फैक्टर इनफर्टिलिटी किसी भी कपल के लिए एक बड़ी प्रॉब्लम है। ऐसे में यह जानना खास है कि आखिर क्या अहम है जो कि फर्टिलिटी को इफेक्ट करता है। मेल में दो क्रोमोजोम होते हैं, एक्स और वाई। अगर वाई क्रोमोजोम न हो तो यह मेल इनफर्टिलिटी का कारण बनता है क्योंकि यही स्पर्म प्रोडक्शन को इफेक्ट करता है।