अपनी जेब को न लगाइए बट्टा
जानकारी के अभाव में पहुंच जाते हैं दुकानदारों के पास अक्सर लोग जानकारी के अभाव में ऐसे नोटों को बैंक में बदलने के बजाए प्राइवेट कटे फटे नोट बदलने दुकानदारों के पास लेकर जाते हैं। वहां कम कीमत पर यानि बट्टे पर इन नोटों को चेंज करते हैं। आरबीआई कानपुर के सहायक प्रबंधक पंकज शुक्ल के मुताबिक आरबीआई ने ऐसे नोटों को लेकर गाइड लाइन जारी की है। जिसके मुताबिक इन नोटों को उनकी सही वैल्यू के हिसाब से चेंज किया जा सकता है। इसकी डिटेल आरबीआई की वेब साइट www.rbi.org.in पर मौजूद है।गंदे या कटे फटे नोट
आरबीआई के नोट रिफंड रूल्स 2009 के अन्तर्गत गंदे नोट की कैटेगरी में ऐसे नोटों को रखा गया है, जो यूज करने के साथ गंदे हो गए हों। इसके साथ ही आपस में जुड़े दो टुकड़े के नोट, जहां दोनों टुकड़े एक ही नोट के हों और जोडऩे पर पूरी नोट बनाते हो, उन्हें भी गंदे नोट की श्रेणी में शामिल किया गया है। कटे-फटे नोट से मतलब ऐसे नोट से है, जिसका एक भाग न हो या दो टुकड़ों से अधिक टुकड़ों को जोड़कर बनाया गया है। बैंकों में बदले जा सकते है ऐसे नोट
ऐसे नोट को बदलने के लिए बैंकों को आरबीआई की ओर से निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए सभी बैंक की शाखाओं को गंदे नोटों को बदलने की सुविधा प्रदान करने के लिए प्राधिकृत किया गया है। सभी मुद्रा तिजोरी बैंक शाखाओं से कटे-फटे नोट बदले जा सकते हैं। इसके साथ ही आरबीआई के विनिमय पटलों से भी नोट बदले जा सकते हैं। गंदे बैंक नोटों का पूरा विनिमय मूल्य मिलता है। जबकि कटे फटे नोटों का विनिमय मूल्य नोट की स्थिति के आधार पर नोट रिफंड रुल्स 2009 के अनुसार मिलता है। ऐसे नोटों को बदलने के लिए आरबीआई ने बैंकों की चेस्ट शाखा को निर्देश दिए हैं। अगर कहीं आम पब्लिक को इसके बदलने में कोई दिक्कत आती है, तो वे इसकी कम्प्लेन आरबीआई को कर सकते हैं। पंकज शुक्लसहायक प्रबंधक, आरबीआई, कानपुर