डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई ने एनईएफटी और आरटीजीएस पर लगने वाले शुल्क को हटा दिया है। आरबीआई ने आरटीजीएस और एनईएफटी पर मिलने वाले फायदे को जल्द से जल्द ग्राहकों तक पहुंचाने की बात भी कही है...


नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। डिजिटल फंड ट्रांसफर को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई ने गुरुवार को कहा कि वो आरटीजीएस और एनईएफटी द्वारा होने वाले डिजिटल ट्रांसफर शुल्क हटा दिया है। एनईएफटी में फंड ट्रांसफर कुछ घंटों में तो आरटीजीएस रियल टाइम में फंड ट्रांसफर करता है। 2004 में इंट्रोड्यूस हुए आरटीजीएस के माध्यम से 2 लाख रुपये से ऊपर तक इंटर-बैंक और कस्टूमर ट्रांसजेक्शन हो सकते हैं। आरटीजीएस और एनईएफटी दोनों फाइनेंशियल ट्रांसफर के पाॅपुलर सिस्टम हैं। बैंक अब तक 30-35 रुपये आरटीजीएस और 2-25 रुपये एनईएफी फंड ट्रांसफर पर चार्ज कर रही थी।ये समिति करेग एटीएम शुल्क और फीस की पड़ताल
आरबीआई ने ऑटोमेटेड टेलर मशीनों (एटीएम) के उपयोग के लिए ली जाने वाली शुल्क की समीक्षा करने का भी निर्णय लिया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि एटीएम शुल्क और शुल्क को बदलने की लगातार मांग की गई है। इसलिए इन मुद्दों को दूर करने के लिए आरबीआई ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी, इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है, जो एटीएम शुल्क और फीस की पड़ताल करेगा।लघु वित्तीय बैंकों के बारे में जारी होगी निर्देश


भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) लघु वित्तीय बैंकों के लिए सदासुलभ लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था के बारे में अगस्त 2019 में दिशानिर्देश जारी करेगा। रिजर्व बैंक ने कहा कि छोटे कर्जदारों के लिए बैंकिंग सुविधा को बढ़ावा देने और प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करने के लिए यह किया जा रहा है। रिजर्व बैंक ने सितंबर 2015 में 10 निकायों को लघु वित्तीय बैंकिंग में उतरने की मंजूरी दी थी।RBI ने कम किया रेपो रेट, होम लोन और ऑटो लोन की EMI सस्तीRBI की पहल, आएगा नोट पहचानने वाला मोबाइल एपआम आदमी को मिलेगी ये राहतबता दें कि आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) ने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में आम आदमी को एक बार फिर राहत दी है। रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों में चौथाई फीसदी की कटौती की है। इस प्रकार मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पेश हुई मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की गई है। होम और ऑटो लोन लेने वालों के लिए यह राहत भरी खबर है। अब उनकी ईएमआई का बोझ घटेगा। आपको बता दें कि यह लगातार तीसरी बार है जब भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कटौती की है।

Posted By: Vandana Sharma