- शाम होने के साथ ही धरने पर बैठे लोगों की बढ़ जाती है परेशानी

- रात में धमकी से लेकर जान से मारने तक के लिए उठा लेते हैं लाठी

- सांख्यिकी कर्मियों को सड़कों पर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, देखने वाला कोई नहीं

PATNA: आर ब्लॉक चौराहे का दिन जितना मजबूर करने वाला होता है। उतनी ही तबाही रात में होती है। सुबह-सवेरे का मंजर और भी खतरनाक रहता है। जब धरने और प्रदर्शन पर बैठे लोगों की परवाह किए बिना बेरोक-टोक तरीके से लोग गाडि़यां चलाते हुए आगे निकल जाती हैं, पर इस चौराहे पर होने वाली सुबह-शाम व देर रात की घटनाओं पर नजर रखने के लिए पटना पुलिस ने किसी भी तरह की चौकसी की अरेंजमेंट नहीं की है, जबकि पूरे शहर को सीसीटीवी कैमरे से ढंक दिया है। इसके बाद भी आर ब्लॉक चौराहे की तरफ एक भी कैमरा नहीं है। इसके पीछे पुलिस और एडमिनिस्ट्रेशन का गलत मंशा बयां करता है, क्योंकि आर ब्लॉक चौराहे पर धरने पर बैठे लोग जब अधिक उग्र होते हैं, तो उन्हें देर रात मारकर हटाया जाता है। पिछले दस दिनों से धरने पर बैठी सौ से अधिक महिलाओं की सुरक्षा भी भगवान भरोसे है।

एक्सीडेंट भी कम नहीं होते

चूंकि यह हड़तालियों का चौराहा है। जहां पूरे स्टेट से लोग आकर अपनी बातों को रखते हैं। प्रदर्शन और धरना करते हैं। ऐसे में इन पर नजर रखने या फिर इनकी सिक्योरिटी के ख्याल से भी यहां पर एक कैमरा तक नहीं लगाया गया है। इसी का खामियाजा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संघ की दो धरना पर बैठी लेडी को चुकानी पड़ी है। सुबह-सवेरे तेज रफ्तार से आने वाली गाड़ी ने एक का पेट तो दूसरे का पांव कुचलते हुए आगे निकल गयी, लेकिन पुलिस उसको ढूंढ़ पाने में भी नाकाम साबित रही है। धरने पर बैठी कुमारी विद्यावती सिंह ने बताया कि यहां पर रात भी उतनी ही भयानक होती है। यहां पर एक भी पुलिसकर्मी नहीं होते हैं। किसी तरह से रात गुजारी जाती है। रोशनी का भी अरेंजमेंट नहीं किया गया है।

आर ब्लॉक चौराहे पर बैठना भी मुश्किल

- सिक्योरिटी का कोई अरेंजमेंट नहीं, जैसे-तैसे प्रदर्शनकारी करते हैं प्रदर्शन।

- अधिक हंगामा या प्रदर्शन करने पर प्रदर्शनकारी की जमकर की जाती है पिटाई।

- देर रात प्रदर्शनकारियों को दिया जाता है जान से मारने की धमकी।

- दोनों तरफ शराब की दुकान होने से नशेबाज भी करते रहते हैं परेशान।

- चोरों का आतंक भी कम नहीं है, इसलिए आधे जन रात को सोते हैं और आधे सुबह में।

(धरने पर बैठे राम गुलाम चौधरी, आयशा, सुनीता और चंद्रशेखर प्रसाद से बातचीत पर आधारितत)

Posted By: Inextlive