- कुशीनगर स्थित ज्ञान भारती महाविद्यालय में विश्वविद्यालयी परीक्षा में सुनियोजित नकल उजागर

- परीक्षा कार्य से हमेशा के लिए बाहर किए गए केन्द्राध्यक्ष

- बीए भाग एक व दो के ¨हदी के पहले प्रश्नपत्र की परीक्षा होगी दोबारा

GORAKHPUR: कुशीनगर के ज्ञान भारती महाविद्यालय रगड़गंज में विश्वविद्यालयी परीक्षा में सुनियोजित नकल के मामले में केन्द्राधीक्षक पर गाज गिर गई है। परीक्षा से पहले ही उत्तरपुस्तिकाएं लिखे जाने के इस बहुचर्चित मामले में तत्कालीन केंद्राध्यक्ष डॉ। प्रणव कुमार चतुर्वेदी को दोषी पाए गए हैं। उन्हें परीक्षाओं से जुड़े हर तरह के कार्य से हमेशा के लिए अलग कर दिया गया है। यही नहीं कॉलेज को अब विश्वविद्यालय की संबद्धता से हाथ धोना पड़ सकता है। यूनिवर्सिटी की परीक्षा समिति ने मामले को विश्वविद्यालय की परीक्षाओं की शुचिता पर सवालिया निशान खड़ा करने वाला मानते हुए कॉलेज को परीक्षा केंद्रों की सूची से डिबार तो किया ही है, कॉलेज की संबद्धता समाप्ति तक की सिफारिश कर दी है। इस सिफारिश पर अब विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद अंतिम निर्णय लेगी। कॉलेज के बीए प्रथम व द्वितीय वर्ष ¨हदी प्रथम प्रश्नपत्र की परीक्षा रद कर दी गई है। नई परीक्षा तिथि जल्द घोषित की जाएगी।

सुनियोजित थी नकल

शनिवार को हुई विश्वविद्यालय परीक्षा समिति की बैठक में ज्ञान भारती महाविद्यालय मामले में गठित जांच समिति की रिपोर्ट पर चर्चा हुई। परीक्षा नियंत्रक डॉ। अमरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर समिति ने पाया है कि कॉलेज में सुनियोजित नकल हुई थी, जिसमें केंद्राध्यक्ष की संलिप्तता रही है। समिति ने मामले को विश्वविद्यालय की परीक्षाओं की शुचिता को खतरे में डालने वाला माना है, ऐसे में कालेज की संबद्धता समाप्त की जानी चाहिए। ज्ञान भारती कालेज को भविष्य में परीक्षा केंद्र न बनाए जाने का फैसला लेते हुए समिति ने संबद्धता समाप्त किए जाने की सिफारिश कर दी है।

परीक्षा से पहले लिखी कॉपियां

विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षा के दौरान आठ अप्रैल को कुशीनगर जनपद के रगड़गंज बाजार स्थित ज्ञान भारती महाविद्यालय में जिला प्रशासन की छापेमारी में प्रबंधक कक्ष से 15 लिखी हुई उत्तरपुस्तिकाएं बरामद हुई। इनमें से 7 उत्तर पुस्तिकाएं गुरुवार को हो चुकी परीक्षा की थी, जबकि 8 कॉपियां शुक्रवार की सुबह आठ बजे से होने वाले बीए भाग - एक ¨हदी प्रथम प्रश्नपत्र की थीं। प्रशासनिक अधिकारियों के औचक निरीक्षण में कर्मचारी बृजेश मिश्र की तलाशी लेने पर उनके पास से बीए प्रथम वर्ष के ¨हदी प्रथम प्रश्नपत्र की छाया प्रति भी बरामद ह़ुई। पुलिस ने महाविद्यालय में मौजूद तीन कर्मचारी बृजेश मिश्र, अजय मिश्र एवं गुलाब नबी को हिरासत में ले लिया। इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए तीनों को जेल भी भेज दिया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर पहुंचे कुलपति प्रो। अशोक कुमार ने प्रकरण की गहन जांच कराने का निर्णय लिया था।

44 कॉलेजों में नकल की पुष्टि विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाओं में इस वर्ष 44 महाविद्यालयों में सामूहिक नकल होने की पुष्टि हुई है। उड़ाका दलों की रिपोर्ट के आधार पर विश्वविद्यालय परीक्षा समिति ने पाया कि 44 महाविद्यालयों के 65 प्रश्नपत्रों में सामूहिक नकल हुई है। अब नियमानुसार उक्त प्रश्नपत्रों में परीक्षार्थियों को मिले अंक में से 30 फीसद की कटौती कर परीक्षाफल घोषित किया जाएगा। इस वर्ष उड़ाका दलों ने कालेजों में बड़े पैमाने में नकल की शिकायत की थी।

बॉक्स

अब परीक्षा केन्द्र की शर्त होगी सीसीटीवी

परीक्षा के दौरान शुचिता को महत्व देते हुए विश्वविद्यालय की परीक्षा समिति ने तय किया है कि अब से नये कालेजों में स्ट्रांग रूम में क्लोज सर्किट कैमरे होने जरूरी होंगे। केंद्र बनाए जाने के लिए यह एक अनिवार्य शर्त होगी।

-------------------

यह हुई कार्रवाई

- बीए प्रथम व द्वितीय वर्ष की ¨हदी प्रथम प्रश्न पत्र की परीक्षा दोबारा होगी।

- केंद्राध्यक्ष डॉ। प्रणव कुमार चतुर्वेदी दोषी, परीक्षा संबंधी सभी कार्यों से आजीवन डिबार

- कॉलेज की संबद्धता समाप्ति के लिए परीक्षा समिति ने की सिफारिश

- कॉलेज को कभी भी परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा।

Posted By: Inextlive