1. एक दफ़ा रजनीकांत का पर्स कहीं खो गया. उसके बाद पूरी दुनिया में आर्थिक मंदी छा गई.2. एक बार रजनीकांत 11वें फ़्लोर से कूद गए लेकिन ज़मीन पर नहीं गिरे. जानते हैं क्यों ? क्योंकि वो रजनीकांत हैं. गुरुत्वाकर्षण का नियम मानने के लिए बाध्य नहीं हैं.3. वैज्ञानिकों ने जब पहली बार मोबाइल फ़ोन का आविष्कार किया और उसे ऑन किया तो स्क्रीन पर लिखा था- टू मिस्ड कॉल फ़्रॉम रजनीकांत.ऐसे तमाम जोक्स सालों से चले आ रहे है जिनका रजनीकांत के प्रशंसक जमकर लुत्फ़ उठाते हैं.लेकिन ख़ुद रजनीकांत का परिवार इन चुटकुलों को कैसे लेता है. रजनीकांत की बेटी सौंदर्या रजनीकांत अपने 'अप्पा' पर बने इन जोक्स पर क्या प्रतिक्रिया देती हैं.


मीडिया से बात करते हुए सौंदर्या ने कहा, "इन जोक्स के पीछे ये भावना होती है कि रजनीकांत कुछ भी कर सकते हैं. वो नामुमकिन काम भी कर सकते हैं. तो हमें इन चुटकुलों से कोई समस्या नहीं. हम सब इन जोक्स का भरपूर लुत्फ़ उठाते हैं."'कोचेडियान'सौंदर्या रजनीकांत ने अपने पिता को लेकर फ़िल्म 'कोचेडियान' बनाई है.सौंदर्या ने हालांकि फ़िल्मों में अपना करियर बतौर निर्देशक शुरू किया है लेकिन वो ख़ुद भी हीरोइन बनने की काबलियत रखती हैं, तो ऐसे में क्या उन्हें कभी फ़िल्मों के प्रस्ताव नहीं मिले ?इसके जवाब में वो कहती हैं, "देखिए हर स्टार किड को फ़िल्मों के प्रस्ताव मिलते हैं इसमें कोई नई बात नहीं है. लेकिन मैंने तय कर लिया था कि मुझे क्या करना है. कैमरे के पीछे का काम मुझे हमेशा से ही आकर्षित करता रहा है."


क्या उनके पिता रजनीकांत नहीं चाहते थे कि वो अभिनेत्री बने ?इसके जवाब में सौंदर्या ने कहा, "ये सच है कि मेरे पिता ने कभी मुझे अभिनेत्री बनने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया. लेकिन मैं अगर हीरोइन बनने की इच्छा ज़ाहिर करती तो वो मना भी नहीं करते. लेकिन मैं ख़ुद कभी अभिनेत्री नहीं बनना चाहती थी."'पता था अप्पा कितने बड़े स्टार हैं'

अपने पिता के बारे में बात करते हुए सौंदर्या ने कहा, "उनका रवैया हर एक शख़्स के प्रति एक जैसा रहता है. चाहे वो किसी बेहद अमीर और प्रभावशाली व्यक्ति से मिलें या किसी साधारण इंसान से.""वो सबको सम्मान देते हैं. पर्दे पर तो वो सुपरस्टार हैं हीं. लेकिन असल ज़िंदगी में भी वो जैसे हैं उसकी वजह से वो पूजे जाते हैं."सौंदर्या ने बताया कि बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन, जीतेंद्र और शत्रुघ्न सिन्हा जैसे सितारे उनके पिता के बहुत अच्छे मित्र हैं और परिवार की तरह हैं.

Posted By: Satyendra Kumar Singh