फिर पटरी पर लौट रहा रियल एस्टेट सेक्टर
नोटबंदी के बाद इस फाइनेंशियल ईयर में रजिस्ट्री विभाग की कमाई में हुआ इजाफा
अभी भी कई मुश्किलें, मेरठ के कैंट क्षेत्र में नहीं हो रही संपत्ति की रजिस्ट्री Meerut. नोटबंदी के तीन साल बाद लोग आशियाने का सपना फिर संजोने लगे हैं. मेरठ में गत 3 वर्षो से ठप पड़ी संपत्ति की खरीद-फरोख्त में इजाफा हुआ है तो वहीं गत 3 वर्षो के मुकाबले सर्वाधिक रेवेन्यू कलेक्शन रजिस्ट्री विभाग ने गत वित्तीय वर्ष में किया है. गौरतलब है कि रजिस्ट्री विभाग ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में टारगेट के सापेक्ष 76.12 प्रतिशत वसूली की है. जबकि नोटबंदी के दौरान रेवेन्यू कलेक्शन टारगेट के सापेक्ष महज 55.47 प्रतिशत हुआ था. रजिस्ट्री में इजाफावित्तीय वर्ष 2018-19 में मेरठ के रजिस्ट्री विभाग ने शासन द्वारा तय टारगेट के सापेक्ष 76.12 प्रतिशत की वसूली की है. इस वित्तीय वर्ष का लक्ष्य 599 करोड़ रुपये था जबकि सभी 6 सब रजिस्ट्रार कार्यालय ने 31 मार्च 2019 तक 455.99 करोड़ रुपये की वसूली की थी. यह न सिर्फ गत वर्षो से अधिक है बल्कि साफ संकेत है कि लोग नोटबंदी के परिणामों से उबर रहे हैं. बता दें कि 8 नवंबर 2016 में नोटबंदी होने के बाद न सिर्फ रीयल एस्टेट सेक्टर धड़ाम होने के साथ ही जमीन और संपत्ति की खरीद-फरोख्त भी ठप पड़ गई थी. 2015-16 में रजिस्ट्री विभाग की वसूली 65.29 प्रतिशत थी तो वहीं नोटबंदी का सर्वाधिक प्रभाव वित्तीय वर्ष 2016-17 पर पड़ा था और वसूली महज 55.47 प्रतिशत रह गई थी. 2017-18 में लोगों ने संपत्ति की खरीद-फरोख्त शुरू की तो वसूली बढ़कर 66.78 प्रतिशत और 2018-19 में 76.12 प्रतिशत पर आ पहुंची. नोटबंदी से पूर्व 2014-15 में रजिस्ट्री विभाग की वसूली 76.74 प्रतिशत थी.
वित्तीय वर्ष लक्ष्य (करोड़) प्राप्ति (करोड़) प्रतिशत 2014-15 517.40 397.08 76.74 2015-16 562.20 371.64 65.29 2016-17 597.70 331.58 55.47 2017-18 597.70 399.16 66.782018-19 599.00 455.99 76.12
सब रजिस्ट्रार कार्यालय वार वसूली का आंकड़ा सब रजिस्ट्रार कार्यालय लक्ष्य (करोड़) प्राप्ति (करोड़) प्रतिशत मेरठ प्रथम 143.11 106.51 74.43 मेरठ द्वितीय 76.39 52.82 69.15 मेरठ तृतीय 175.78 112.34 63.91मेरठ चतुर्थ 63.26 43.76 69.18
मवाना 48.29 42.97 89 सरधना 92.17 71.73 77.83 वार्षिक लक्ष्य के सापेक्ष गत वित्तीय वर्ष में रजिस्ट्री विभाग ने 76.12 प्रतिशत की वसूली की है, जो गत 4 वित्तीय वर्षो से अधिक है. वीके तिवारी, एआईजी स्टांप, मेरठ एमडीए की योजनाओं का हाल मेरठ विकास प्राधिकरण की आधा दर्जन आवासीय योजनाएं किसानों के साथ विवाद के चलते अधर में हैं तो वहीं आधा दर्जन योजनाओं में बाह्य और आंतरिक विकास कार्य न होने के कारण खरीद-फरोख्त पर ब्रेक लगा है. इनका है कहना..बेशक नोटबंदी के बाद रीयल एस्टेट सेक्टर गिरा था लेकिन एक बार फिर रीयल एस्टेट इस मंदी से उबर रहा है. आने वाले समय में रीयल एस्टेट की स्थिति और सुधरेगी.
अतुल गुप्ता, रीयल एस्टेट कारोबारी बेसीकली तो यह है पिछले 4 साल तक ओरिजिनल कस्टमर वेट कर रहा था कि प्रॉपर्टी के दाम और कम होंगे. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, रैपिड रेल आदि योजनाओं से भी शहर में रीयल एस्टेट सेक्टर को उछाल मिलेगा. कमल ठाकुर, रीयल एस्टेट कारोबारी किसानों के साथ ज्यादातर विवादों को निपटा लिया गया है. वेदव्यासपुरी, गंगानगर, गंगानगर एक्सटेंशन, लोहियानगर में एमडीए जल्द ही नई स्कीम को लेकर आएगा. राजकुमार, सचिव, मेरठ विकास प्राधिकरण