MEERUT : भिखारियों के ऑर्गनाइज्ड धंधे का खुलासा होते ही शहर की सडक़ों पर दिखने वाले भिखारी अचानक सोमवार सुबह गायब दिखे. एक पखवाड़े से आई नेक्स्ट टीम शहर की तमाम जगहों पर इन भिखारियों को फॉलो कर रही थी लेकिन खबर छपने के बाद जब हमारी टीम ने इन जगहों का दौरा किया तो भिखारी नदारद थे. पैसा मांगने के अपने तयशुदा स्पॉट भिखारी अचानक झोला उठाकर गायब हो गए.


बेगमपुल चौराहा


ये शहर का व्यस्ततम चौराह है। जहां हर रोज लाखों लोग गुजरते हैं। भीख मांगने के लिए करीब 50 भिखारी यहां हरदम मौजूद रहते हैं। इस जगह से गुजरने वाले लोगों में से कई लोग इन भिखारियों के सॉफ्ट टारगेट हैं। खबर छपने के बाद हम बेगमपुल चौराहे पर पहुंचे तो यहां वो नजारा नहीं दिखा, जिसे हम पिछले एक हफ्ते से देख रहे थे। यहां दो-एक ही मांगने वाले थे और उनमें से कोई भी चेहरा नहीं मिला जो हमें एक हफ्ते तक रोज भीख मांगते मिला। भीख मांगते कुछ देर के लिए ये भिखारी रेस्ट भी लेते हैं, बेगम पुल पर ही लगी एक गन्ने के जूस की दुकान के पीछे ये सब भिखारी बैठते हैं। टीवी देखते हैं और मन करने पर गन्ने का जूस या और मनपसंद डिश भी यहीं मंगवाकर खाते हैं। मगर जब सोमवार को हम उस ठिकाने पर पहुंचे तो वहां हमें ऐसा कुछ नहीं मिला। बेगमपुल चौराहे से जुड़ी दूसरी सडक़ों पर भी हमें कोई भिखारी नजर नहीं आया। सिटी रेलवे स्टेशन

सिटी रेलवे स्टेशन पर एक हफ्ते तक हमने जिन चार महिलाओं के गैंग के काम करने के तरीके को देखा और आपरेशन कटोरा में दिखाया भी की कैसे ट्रेन आने पर ये प्लेटफॉर्म ब्रिज से उतरकर भीड़ वाले डिब्बों के गेट पर धक्कामुक्की के बीच ट्रेन में चढऩे की कोशिश करती हैं और इसी कोशिश में लोगों के पर्स से पैसे निकाल लेती हैं और जेब काट लेती हैं। सोमवार को जब हम रेलवे स्टेशन पर पहुंचे तो यहां वो चारों महिलाएं हमें कहीं नहीं मिलीं। साथ ही भीख मांगने के नाम पर लोगों की जेब काटने वाले बच्चे भी हमें कहीं नजर नहीं आए। रेलवे स्टेशन के बाहर बने चबूतरे पर जहां पेड़ों की छांव तले ये लोग अपना ठिया जमाए रहते थे, आज वहां कोई नहीं था। यहां पर भी हमने कुछ घंटे गुजारे मगर कोई नजर नहीं आया। लोगों से बात की तो पता चला कि ये लोग आज सुबह से ही यहां नजर नहीं आए।रोडवेज बस स्टैंडहर रोज रोडवेज बस स्टैंड पर जो महिलाएं छोटे-छोटे बच्चों को गोद में लेकर सवारियों से पैसे मांगती हैं, वो सोमवार को पूरे दिन नहीं दिखीं। अचानक कहां गईं किसी को नहीं पता। इन भिखारियों के सोमवार को गायब हो जाना इस बात की कतई गारंटी नहीं है कि ये अब यहां भीख नहीं मांगेगे, लेकिन कुछ सतर्क हो तो जरूर हो गए हैं।

दिल्ली रोड


दिल्ली रोड, जहां इन भिखारियों की बस्ती है यहां पर भी पूरे दिन भीख मांगने वाले बच्चों से हमारा सामना नहीं हुआ। दिल्ली रोड पर बागपत अड्डे से लेकर ईरा मॉल और उससे आगे रेलवे क्रांसिंग से लेकर बिग सिनेमा तक हमें कहीं कोई भीख मांगता बच्चा नहीं दिखाई दिया। जहां हर रोज परिवारवालों से छुपकर साथ समय गुजारने वाले प्रेमियों के पीछे ये बच्चे पैसे मांगने के लिए काफी दूर तक दौड़ते रोज दिखाई देते थे, वो आज अचानक से गायब हो गए। हमारी खबर उन लोगों तक पहुंची है जो इसे धंधे को चलवाते हैं। तभी तो आज उन सब भिखारियों को उनके तयशुदा रुटीन से अलग किया और बाहर न निकलने की हिदायत दी।

Posted By: Inextlive