मंदिर का स्थान होगा परिवर्तित, चौड़ीकरण में नहीं आएगी कोई बाधा

ALLAHABAD: सड़क चौड़ीकरण के लिए बैरहना स्थित प्राचीन काली मंदिर पर बुलडोजर चलाना आखिरकार एडीए को महंगा पड़ गया। पब्लिक के भारी वरोध पर एडीए को झुकना पड़ गया। शनिवार को धार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों की मौजूदगी में सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में हुए समझौते में निर्णय लिया गया कि एडीए एक सप्ताह बाद प्राचीन काली मंदिर का पुनर्निर्माण कराएगा। मंदिर का स्थान पूर्व निर्धारित स्थान से थोड़ा दूर होगा।

विरोध के आगे झुकना ही पड़ गया

बैरहना स्थित प्रचीन काली मंदिर को तोड़े जाने का हिंदू यूवा वाहिनी, विश्व हिंदू परिषद के साथ ही अन्य संगठनों व दलों ने जमकर विरोध किया था। भारी हंगामा व विरोध को देखते हुए शनिवार को विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय उपाध्यक्ष विनोद अग्रवाल, लालमणि त्रिपाठी, मंजू यादव, छाया साहू, सरस्वती साहू, विनय गुप्ता, अभय प्रताप सिंह के साथ ही एडीए के जोनल अधिकारी आलोक कुमार पांडेय व सिटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में मीटिंग हुई। जिसमें यह निर्णय लिया गया कि प्राचीन काली मंदिर जितनी परिधि में था, उतनी ही परिधि में पूर्व निर्धारित स्थान से थोड़ी दूरी पर निर्माण किया जाएगा। विद्युत शिफ्टिंग पूर्व जो खाली जगह है, मंदिर की पश्चिमी दीवाल से 20 फीट छोड़ कर एडीए द्वारा लोहे के पिलर से मंदिर स्थल संरक्षित किया जाएगा।

Posted By: Inextlive