2017 के पंद्रह अगस्‍त को वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चौथी बार देश को लाल किले की प्राचीर से संबोधित किया। अपने इस भाषण के साथ उन्‍होंने देश के कई प्रधानमंत्रियों के पूराने रिकॉर्डस को ध्‍वस्‍त करके नये कीर्तिमान स्‍थापित किए हैं। उनसे पहले कई भारतीय प्रधानमंत्रियों को देश को एक या दो बार ही इस तरह संबोधित करने का अवसर मिला है। इनमें से दो प्रधानमंत्री तो ऐसे हैं जिन्‍हें एक भी बार देशवासियों से लाल किले से संबोधित करने का अवसर नहीं मिला। आइये जानें उन दो प्रधानमंत्रियों के बारे में।

नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 से अब तक देश्ा को चार बार संबोधित किया है। उनसे पहले 13 प्रधानमंत्री लाल किले से देश की जनता को संबोधित कर चुके हैं। जिनमें से इन छह प्रधानमंत्रियों को 1 या 2 बार ही संबोधन का अवसर मिला था।

लाल बहादुर शास्त्री                                                                   
देश के दूसरे प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री ने दो बार लाल किले से देश को संबोधित किया वे 9 जून 1964 से 11 जून 1966 तक देश के प्रधानमंत्री रहे।

मोरारजी देसाई
वहीं मोरार जी देसाई 24 मार्च 1977 से 28 जुलाई 1979 तक देश के प्रधानमंत्री रहे और उन्होंने भी दो बार देश के नाम संदेश दिया।   

             
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चौधरी चरण सिंह  
जबकि 28 जुलाई 1979 से 14 जून 1980 तक देश के प्रधानमंत्री पद पर आसीन रहे चरण सिंह जी ने एक ही बार लाल किले से अपना भाषण दिया।

वीरेंद्र प्रताप सिंह
वीपी सिंह के नाम से ज्यादा चर्चित रहे वीरेंद्र प्रताप सिंह ने 2 दिसंबर 1989 से 10 नवंबर 1990 तक प्रधानमंत्री पद संभाला और एक बार लाल किले से अपना भाषण दिया।  

                                                                               
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एचडी देवगौड़ा  
1 जून 1996 से लेकर 21 अप्रैल 1997 तक देश के प्रधानमंत्री रहे एचडी देवगौड़ा ने भी एक ही बार लालकिले से देश की जनता को संबोधित किया।
 

                           
इंद्र कुमार गुजराल
प्रधानमंत्री के तौर पर 21 अप्रैल 1997 से 19 मार्च 1998 तक पद पर रहे इंद्र कुमार गुजराल को भी एक ही बार ऐसा अवसर मिला।  

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इन दो प्रधानमंत्रियों को नहीं मिला एक बार भी मौका
गुलजारी लाल नंदा: दो बार देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री का पद संभाल चुके गुलजारी लाल नंदा को कभी भी स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले देश को संबोधित करने का मौका नहीं मिला। पहली बार प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के देहांत के बाद नंदा ने 27 मई 1964 को पीएम का पदग्रहण किया मगर पंद्रह अगस्त से पूर्व 9 जून 1964 को पंद्रह अगस्त से पूर्व उन्होंने नए प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के आने पर उन्होंने पद छोड़ दिया था। दूसरी बार वे 11 से 24 जनवरी 1966 के दौरान प्रधानमंत्री के पद पर रहे और इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनते ही पद से हट गए।  

                                                
चंद्रशेखर सिंह: वहीं 10 नवंबर 1990 से लेकर 21 जून 1991 तक प्रधानमंत्री रहे चंद्रशेखर को भी देश को संबोधित करने का अवसर नहीं मिला।

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Posted By: Molly Seth