लीजिये अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा ने ये क्‍या कह दिया भारत के लिये. खबर है कि बराक ओबामा ने कहा कि बीते कुछ वर्षों में भारत में सभी धर्मों के बीच असहिष्‍णुता के कृत्‍यों ने जितनी तेजी के साथ जन्‍म लिया है उसे देखकर आज अगर महात्‍मा गांधी होते तो उन्‍हें बहुत बड़ा धक्‍का लगता.

अप्रत्यक्ष रूप से किस पर था हमला  
बताते चलें कि अपने भारत दौरे के आखिरी दिन सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम में कार्यक्रम के दौरान भाषण में ओबामा ने इसी तरह का बयान दिया था. वहीं दूसरी ओर गौर करने वाली बात यह भी है कि उनका यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब व्हाइट हाउस ने धार्मिक सहिष्णुता के मामले पर नई दिल्ली में दिये गये उनके सार्वजनिक भाषण पर सफाई दी गई थी. बराक ओबामा के नई दिल्ली में दिये गये ऐसे बयान को भाजपा पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला माना जा रहा है.
गांधीजी को कर देता स्तब्ध
इस दौरान धार्मिक असहिष्णुता पर उनकी टिप्पणी में ओबामा ने यह भी कहा, 'मिशेल और मैं भारत से वापस लौटे हैं. अतुलनीय, सुन्दर देश, भव्य विविधताओं से भरा हुआ है, लेकिन वहीं पिछले बीते कुछ वर्षों में यहां कई मौकों पर दूसरे धर्म के लोगों ने सभी धर्मों के लोगों को निशाना ही बनाया है. यहां ऐसा सिर्फ अपनी विरासत और आस्था के कारण ही संभव हुआ है. इस तरह का व्यवहार देश को उदार बनाने में मदद करने वाले गांधीजी को पूरी तरह से स्तब्ध कर देता.'
'हिंसा किसी धर्म विशेष से जुड़ा नहीं'
कुछ ही दिन पहले भारत से वापस लौटे अमेरिकी राष्ट्रपति बीते कुछ वर्षों में देश के विभिन्न धर्मों के लोगों की ओर से एक-दूसरे पर किये गये हमलों का बराबर हवाला दे रहे थे. इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने किसी भी धर्म विशेष का नाम लेते बिना कहा कि हिंसा किसी एक समूह या धर्म से नहीं जुड़ा हुआ है. तीन हजार से ज्यादा अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय नेताओं को संबोधित करते हुए बराक ओबामा ने कहा, 'पूरे मानव इतिहास में मानवता इन सवालों से बराबर जूझती रही है और हम उनसभी से खुद को हमेशा से ही अलग करके सोचते हैं कि यह सिर्फ कुछ जगहों का मामला है, लेकिन वहीं दूसरी ओर याद करें धर्मयुद्ध (क्रूसेड) और धार्मिक न्याय के दौरान लोगों ने क्राइस्ट (यीशू मसीह) के नाम पर कितने वीभत्स कर्म किये और करवाये भी थे.'
भाजपा के लिये हो सकती है मुसीबत
व्हाइट हाउस ने बुधवार को इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया कि धार्मिक सहिष्णुता पर ओबामा की टिप्पणी भारत की सत्तारूढ़ भाजपा की ओर इशारा थी. ऐसा कहा गया कि भाषण पूरी तरह से अमेरिका और भारत के ‘मूल लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों’ पर आधारित था, लेकिन हां ओबामा का यह बयान भारत की सत्तारूढ़ पार्टी के लिये मुसीबत जरूर खड़ी कर सकता है.

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Posted By: Ruchi D Sharma