PATNA : लगभग 228 साल पुरानी धरोहर 'गोलघर' में दरार आ गई है. यह बात चौंकाने वाली है. लेकिन समय रहते धरोहर को बचाने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं. आईआईटी के एक्सपर्ट आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के इंजीनियर और स्पेशलिस्ट्स ने गोलघर का सलीके से सर्वे और डॉक्यूमेंटेशन के बाद इसे बचाने का काम शुरू किया है.


गोलघर में दरार की जानकारी सबसे पहले स्टेट गवर्नमेंट को मिली। बात चिंता और हिस्टोरिकल मॉन्युमेंट को बचाने की थी। पता चला था कि गोलघर के चार गेट में से एक के बॉटम से टॉप तक एक बड़ी दरार पड़ गई है। इसके साथ ही दो और आर्च में दरारें थीं। स्टेट में ऐसी कोई मशीनरी ना होने के कारण स्टेट ने इंडियन आर्कियोलॉजिकल सर्वे से संपर्क किया और उनसे मदद मांगी।1.38 करोड़ का एस्टीमेटएआई ने एक करोड़ 38 लाख रुपए का एस्टीमेट सौंपा। यह रकम गोलघर को बचाने में खर्च होनी थी। फिलहाल स्टेट ने एआई को 80 लाख रुपए दिए हैं और काम शुरू हो गया है। गोलघर के अंदर की हर ब्रिक को साफ किया जा रहा है। इसके बाद दरारों को ग्राउटिंग टेक्निक से चूना और सुर्खी के साथ दूसरी टे्रडिशनल चीजों से भरा जाएगा.  1784 में शुरू हुआ कंस्ट्रक्शन
गोलघर के कंस्ट्रक्शन का काम 20 जनवरी 1784 को शुरू हुआ था। इसके पूरा होने में पूरे दो साल लगे थे। इसका कंस्ट्रक्शन वैसे तो फूड ग्रेन रखने के लिए हुआ, लेकिन इसमें कभी फूड ग्रेन रखा ही नहीं गया। आजादी मिलने के बाद गवर्नमेंट ने इसका यूज फूड ग्रेन रखने के लिए किया, लेकिन 1999 में अनाज को गोदाम से हटा लिया गया। नेक्स्ट ईयर पूरी होगी रिपेयरिंगहालांकि 1979 में ही इसे प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल अवशेष मानते हुए संरक्षित स्मारक घोषित कर दिया गया था। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के इंजीनियर दिन-रात गोलघर को बचाने की मुहिम में लगे हुए हैं। एआई के ऑफिशियल्स का दावा है कि नेक्स्ट ईयर जब इसकी रिपेयरिंग का काम पूरा हो जाएगा, तो आने वाले 20 से 25 साल तक इसे कुछ नहीं होगा।

Posted By: Inextlive