दोपहर होते-होते और डोली रूटीन के शुरू होते ही लोगों के स्वभाव में बदलाव आने लगता है. रात के वक्त भी लोग पाजिटिव वर्ड्स का यूज अपनी ट्वीट्स में करते हैं.


दुनिया भर में लोग सुबह के समय सबसे ज्यादा खुश रहते हैं. साथ ही यह रिजल्ट भी निकला है कि ऑफिस में आने के बाद लोगों का मूड खराब होने लगता है. माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर भेजे गए करोड़ों ट्वीट्स को एनालाइज करके यह रिजल्ट निकाला गया है. रिजल्ट के मुताबिक लोगों का मूड सुबह के समय फ्रेश और थिन्किंग पाजिटिव होती है. अमेरिका की कोर्नेल यूनिवर्सिटी के सोशलस्टडी डिपार्टमेंट के रिसर्चर्स ने लैंगवेज सॉफ्टवेयर की मदद से दो साल तक करीब 84 देशों के लोगों की ट्वीट्स को स्टडी किया. अपने रिसर्च में उन्होंने पाया कि सुबह के समय भेजे गए संदेशों में ज्यादातर पाजिटिविटी से भरपूर थे.


दोपहर होते-होते और डोली रूटीन के शुरू होते ही लोगों के स्वभाव में बदलाव आने लगता है. रात के वक्त भी लोग पाजिटिव वर्ड्स का यूज अपनी ट्वीट्स में करते हैं.  एनालिसिस में बताया गया है कि रात में लोगों में फिअर, ऐन्गर, हेट जैसी नेगेटिव फीलिंग्स कम हो जाती हैं. इस दौरान इंसान शांत और टेंशनफ्री होता है.

जर्नल साइंस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार और रविवार को बाकी दिनों के मुकाबले लोग ऑफिस के काम के तनाव, देर से सोने और जल्दी उठने की चिंता से मुक्त रहते हैं. वीकेंड्स में लोगों का मूड बहुत अच्छा रहता है. वहीं इस्लामिक देशों में फ्राईडे और सैटरडे को छुट्टी का दिन होता है इसलिये दोनों दिन वहां यही कंडीशन होती है.

Posted By: Divyanshu Bhard