पूर्व विधायक लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने लिखा डीएम को पत्र

पत्र में कहा, आशियाना कॉलोनी के बाशिंदों की नागरिकता की जांच हो

Meerut। गत दिनों मेरठ की लिसाड़ी गेट थानाक्षेत्र स्थित आशियाना कॉलोनी (स्लम) में भीषण आगजनी के बाद विस्थापितों को लेकर विवाद तेज हो गया है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने प्रशासन के इस कथित फैसले के विरोध में मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, बीते दिनों लिसाड़ी गेट थानाक्षेत्र स्थित आशियाना कॉलोनी में आग से करीब 2000 झुग्गी-झोपडि़यां जलकर खाक हो गई थी। इसी कॉलोनी में इससे पहले भी एक बार आग लग चुकी है।

लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने खोला मोर्चा

भाजपा के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने डीएम एक पत्र लिखा है, जिसमें विस्थापितों की नागरिकता का परीक्षण कराने को कहा गया है। साथ ही कहा गया है कि ये अवैध बांग्लादेशी हैं, जो असम और बांग्लादेश के रास्ते देश में घुसकर विभिन्न हिस्सों में फैले हुए हैं। किसी भी सरकारी योजना का लाभ अवैध विस्थापितों को नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि वोट बैंक की राजनीति में इन अवैध विस्थापिताें को राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड समेत अन्य दस्तावेज मुहैया कर दिए गए। भाजपा नेता ने मांग की कि सभी विस्थापितों के मूल निवास संबंधी दस्तावेज, जो असम या बंगाल से जारी किए गए हैं, उनका वहां से परीक्षण कराया जाए।

विभागों को घेरा

अवैध कॉलोनी में रोशनी कहां से आई? बिजली विभाग यह सवाल तानते हुए लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि इस अवैध कॉलोनी में 90 फीसदी से ज्यादा झुग्गियां अवैध बिजली से रोशन हो रही थीं। आखिर बिजली विभाग ने यहां पर छापेमारी क्यों नहीं की? विद्युत सुरक्षा सर्टिफिकेट किस विभाग ने दिया? लक्ष्मीकांत ने फायर विभाग की उस रिपोर्ट पर भी सवाल खड़ा किया है, जिसमें आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया गया है।

Posted By: Inextlive