-केदारघाटी के लिए रवाना हुई एसडीआरएफ की बटालियन

-केदारधाम की यात्रा को शांति पूर्वक संपन्न करवाना है टास्क

DEHRADUN : पिछले साल केदारघाटी में आई जल त्रासदी के बाद स्टेट गवर्नमेंट ने सबक लिया है, जिसके तहत स्टेट डिजास्टर रैपिड फोर्स (एसडीआरएफ)का गठन किया गया है। फोर्स की पहली बटालियन मंडे को केदारघाटी के लिए रवाना की गई। इससे पूर्व डीआईजी संजय गुंज्याल व एसडीआरएफ के कमांडेंट पी रेणुका देवी ने जवानों को आवश्यक जानकारी दी।

आपदा से लिया सबक

दरअसल, गत वर्ष क्म् मई को केदारघाटी में भीषण जलत्रासदी हुई थी। भारी जान माल के नुकसान के बाद स्टेट गवर्नमेंट ने एसडीआरएफ के गठन को स्वीकृति प्रदान की थी। जिसके थाने, चौकी और पीएसी सहित पुलिस की अन्य विंग्स से ऐसे जवानों को चयनित किया गया था जो पहाड़ की स्थिति से भली भांति वाकिफ थे। पहली बटालियन में 90 से अधिक जवानों को आपदा प्रबंधन के गुर सिखाने के लिए कड़ी ट्रेनिंग दी गई। आईटीबीपी भंटिडा, आईटीबीपी गाजियाबाद व बीएसएफ पटना के कैंप में सिलसिलेवार हुई ब्ख् दिनों की कड़ी ट्रेनिंग के बाद मंडे को बटालियन पुलिस लाइन पहुंची। जहां से सभी को केदारधाम की यात्रा को सकुशल संचालित करने के लिए केदारघाटी के लिए रवाना किया गया है।

चुनौतियों का करना होगा सामना

पुलिस लाइन में आयोजित ब्रीफिंग में एसडीआरएफ की कमांडेंट पी। रेणुका देवी ने कहा कि इस बार यात्री चारधाम का रुख करने से कतरा रहे हैं। यह चुनौती है कि यात्रियों के मन से भय हटाया जाए। यह तभी संभव है जब वहां पर यात्रियों को हर तरह का सपोर्ट मिलेगा। तमाम दिक्कतों के बावजूद एसडीआरएफ को इस काम को सफलता पूर्वक करना है। डीआईजी संजय गुंज्याल फोर्स के लिए पर्याप्त फंड की व्यवस्था है। हर तरह के वे उपकरण मुहैया कराए जाएंगे जो इन एरिजाय के लिए जरूरी हैं। अधिकांश उपकरण उपलब्ध करा दिए गए हैं। टेंडर प्रक्रिया के चलते कुछ सामान दिए जाने में देरी हो रही है। उम्मीद है कि अगले क्भ्-ख्0 दिन तक सभी उपकरण जवानों को मुहैया करा दिए जाएंगे।

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अलग दिखेगी एसडीआरएफ

इस दौरान जवानों ने डीआईजी संजय गुंज्याल से कुछ सवाल पूछे। अधिकांश जवानों का सवाल था कि क्षेत्र में वे खाकी वर्दी पहन कर जा रहे हैं। कैसे लोग उन्हें पहचान सकेंगे कि वे एसडीआरएफ के जवान हैं। जिस पर एसडीआरएफ लिखा हुआ जैकेट जवानों को दिए जाने पर सहमति बनी। साथ ही यह भी बताया गया कि फोर्स के लिए एक अलग तरह की ड्रेस बनाई गई है। जिसे जल्द जवानों को मुहैया करवा ि1दया जाएगा।

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तीन में से दो टुकडि़यां रवाना हुई

पहली बटालियन में तीन टुकडि़यां हैं, जिसमें दो केदारघाटी के लिए रवाना की गई हैं। मंडे शाम को दोनों टुकड़ी अगस्तमुनी में स्टे करेंगी। ट्यूजडे सुबह गौरीकुंड के लिए रवाना होंगी। 90 सदस्यीय दोनों टीम गौरीकुंड, भीमवली, निमचोली व केदारनाथ में बेस कैंप बनाएगी। एसडीआरएफ कमांडेट पी रेणुका देवी ने बताया कि दो इंस्पेक्टर टीम को लीड करेंगे। डीआईजी संजय गुंज्याल ने कहा कि टीम के किसी भी मेंबर को दिक्कत होगी, तो वह सीधे फोर्स की कमांडेंट व उन्हें सीधे सूचना दे सकता है। जिसके लिए फोन नंबर व ईमेल आईडी जवानों को दी गई।

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यह होगा काम

- क्षेत्र में पुनर्निर्माण के कार्य में मदद करना

- यात्रा काल के दौरान यात्रियों का मनोबल बढ़ाना

- घायल, असहाय व वृद्ध यात्रियों की हर संभव मदद करना

- संदिग्ध लोगों पर नजर बनाए रखना

- आपदा के दौरान पीडि़तों को तत्काल मदद मुहैया करवाना

- आपदा से निपटने के लिए तत्काल फील्ड में उतर कर राहत व बचाव कार्य करना

- स्थानीय प्रशासन व पुलिस के साथ मिलकर काम करना

- क्षेत्र की हर गतिविधि से अपने सीनियर को अवगत करना

- चुनौती के बावजूद इस टास्क को पूरा करना

- लोकसभा चुनाव को शांति पूर्वक संपन्न करवाना

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इलेक्शन भी संभालेंगी एसडीआरएफ

डीआईजी संजय गुंज्याल ने बताया कि एसडीआरएफ की छह टीमें गठित होनी हैं। जिसमें यह पहली टीम है। दूसरी को ट्रेनिंग दी जा रही है। यात्राकाल के दौरान लोकसभा चुनाव भी पड़ रहा है, जिससे निपटने के लिए पर्याप्त पुलिस बल मौजूद नहीं है। तय किया गया है कि टीम में मौजूद लोगों को मतदान के दिन आसपास के पोलिंग स्टेशन में तैनाती दी जाएगी। जवानों को हथियार स्थानीय प्रशासन मुहैया करवाएगा।

Posted By: Inextlive