फूड आइटम्स के सस्ते होने से नवंबर में मंहगाई दर 4.38 परसेंट पर आ गई है. यह कांटिन्यूअसली फिफ्थ मंथ है जबकि मंहगाई दर कम हुई है. इसके चलते एक्सपेक्ट किया जा सकता है कि रिजर्व बैंक आने वाले टाइम में इंट्रेस्ट रेट्स कट करेगा.

सरकार ने जनवरी, 2012 में नई सीरीज के डाटा काउंट की शुरुआत की थी. उसके बाद से यह कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर बेस्ड इंफ्लेशन का लोएस्ट लेबल है. अक्टूबर, 2014 में यह 5.52 परसेंट पर थी. नवंबर, 2013 में मंहगाई दर 11.16 परसेंट की हाइट पर थी. नवंबर में फूड इंफ्लेशन घटकर 3.14 परसेंट पर पहुंच गया है, जो लास्ट मंथ 5.59 परसेंट पर था. मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक एण्ड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन की ओर से फ्राइडे को रिलीज डाटा के बेस पर रेफर मंथ में वेजिटेबल्स के रिटेल प्राइस एन्युअल बेस पर 10.9 परसेंट कम हुए.

अक्टूबर में वेजिटेबल के प्राइस एन्युअल बेस पर 1.45 परसेंट घटी थीं. वहीं नवंबर में फ्रूट्स की प्राइस राइज गिर कर 13.74 परसेंट रह गई, जो अक्टूबर में 17.49 परसेंट थी. हालांकि, प्रोटीन वाले इडेबल्स जैसे एग्स, फिश और मीट का इंफ्लेशन नवंबर में कुछ ज्यादा यानी 6.48 परसेंट रहा, जो अक्टूबर में 6.34 परसेंट था. रीसेंट टाइम में रिजर्व बैंक ने अपनी मॉनिटरी पॉलिसी में रिटेल इंफ्लेशन पर कंसंट्रेट करना शुरू स्टार्ट किया है. लेकिन काफी मंथ्स से रिटेल इंफ्लेशन में लो के बावजूद रिजर्व बैंक ने इंट्रेस्टट रेटस में कट नहीं किया है.

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Posted By: Molly Seth