Jamshedpur: डेडिकेशन डिवोशन और कंसंन्ट्रेशन के साथ 24 साल के सफर का सैटरडे को अंत हो गया. 5 फीट 5 इंच के भगवान ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया.

दुखी कर गया
अब 49 और 99 रन के स्कोर पर 100 करोड़ लोगों की सांसें नहीं थमेंगी। अब स्टेडियम के हर तरफ सचिन-सचिन के नारे नहीं लगेंगे। अब कोई पिता अपने बेटे से नहीं पूछेगा कि सचिन कितने रन पर खेल रहा है। 15 नवंबर 1989 को पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट कैप हासिल करने वाले हम सभी के चहेते और वल्र्ड क्रिकेट के लिटिल चैंपियन, शतकों का शतक बनाने वाले सचिन तेंदुलकर ने 24 साल तक क्रिकेट को जीने के बाद उससे अलग हो गए। उनका क्रिकेट को छोडऩा सिटी के फॉरमर और प्रजेंट क्रिकेटर्स को दुखी कर गया।

उनको खेलते देखना मन को सुकून देता था

स्टेट रणजी टीम के फॉरमर प्लेयर और स्टेट टीम के सेलेक्टर गणेश उपाध्याय सचिन के खेल के बारे में कहते हैं कि उन्हें खेलते हुए देखना हमेशा सुखद होता था। उन्होंने कहा कि सचिन वल्र्ड के एक मात्र क्रिकेटर थे जिनके पास एक बॉल के लिए तीन ऑप्शन होते थे। वे आगे कहते हैं कि सचिन एक ही बाल को फ्रंट फूट पर कवर के अलावा ऑन साइट में खेल सकते थे और साथ ही उसी बॉल को बैक फूट पर जाकर स्क्वायर कट, पुल, हुक और ग्लांस कर सकते थे। उन्होंने कहा कि बॉलर द्वारा डाली गई अच्छी से अच्छी बॉल को वे अपने तरीके से खेल सकते थे और उसे छोड़ भी सकते थे। इसके साथ ही गणेश उपाध्याय ने यह भी कहा कि सचिन इसलिए भी खास रहे क्योंकि उन्होंने कभी भी बॉलर को अपने ऊपर हॉवी नहीं होने दिया।

उनके साथ स्पेंड किया हुआ एक-एक पल इम्पॉर्टेंट
मुंबई इंडियंस की तरफ से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) खेलने वाले सिटी के स्टाइलिश लेफ्टी बैट्समैन सौरभ तिवारी का कहना है कि आईपीएल में सचिन के साथ खेलते हुए उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला। उन्होंने कहा कि इतने महान होने के बावजूद वे बहुत ही सहज और सरल थे। सौरभ ने कहा कि सचिन हमेशा यंग क्रिकेटर्स को इंकरेज करते थे और उन्हें टेक्निक्स बताते थे। सिटी के ही क्रिकेटर और टीम इंडिया में ओडीआई और टेस्ट खेल चुके फास्ट बॉलर वरुण ने कहा कि सचिन के नहीं रहने से वल्र्ड क्रिकेट में जो वैक्यूम क्रिकेट होगा उसे कोई भर नहीं पाएगा। वरुण ने कहा कि सचिन के साथ खेलने की इच्छा हर क्रिकेटर की होती थी। इंज्युरी की वजह से लंबे समय तक क्रिकेट से दूर रहने वाले वरुण इस बात से दुखी हैं कि सचिन के फेयरवेल मैच में वह टीम का हिस्सा नहीं रहे। उन्होंने कहा कि क्रिकेट के इतिहास में  न कोई सचिन हुआ था, और आने वाले समय में होगा।

'ऐसा क्रिकेटर कोई नहीं हुआ जो मैदान पर बॉलर्स के लिए खौफ था, लेकिन अंदर से उतना ही शांत और अनुशासित। सचिन के क्लास के सभी कायल रहे हैं चाहे वे फॉरमर क्रिकेटर्स हों या प्रजेंट के क्रिकेट स्टार्स। उनके नाम के साथ महानता हमेशा जुड़ी रहेगी.'
-गणेश उपाध्याय, फॉरमर रणजी प्लेयर एंड सेलेक्टर
'मैं खुद को लकी मानता हूं कि सचिन जैसे ग्रेट प्लेयर के साथ खेलने का मौका मिला। उनकी महानता उनके रिकॉड्र्स के साथ ही उनकी सहजता और सरलता में भी दिखती थी। उन्होंने देश के लिए वह किया है जो हर क्रिकेटर करना चाहेगा पर हर कोई सचिन नहीं बन सकता.'
-सौरभ तिवारी,  क्रिकेटर

'सचिन की जगह कोई भी नहीं ले सकता है.हम हमेशा सचिन को हमेशा मिस करेंगे। उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा से बहुत
खुशी हुई.'
-वरुण एरॉन, क्रिकेटर

Report by: amit.choudhary@inext.co.in

Posted By: Inextlive