- 'आरएफआईडी' पकड़ेगा ई-पॉश मशीनों में खेल, वितरण में गड़बड़ी होने पर आएगा अलर्ट

- मशीनों को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन सिस्टम से किया जाएगा लैस

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VARANASI

अब कोटेदार ई- पॉश मशीन के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकेंगे। क्योंकि ये मशीनें अब आरएफआईडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) सिस्टम पर काम करेंगी। मशीन में किसी भी तरह की छेड़छाड़ हुई तो सेटेलाइट के माध्यम से इसकी जानकारी डीएसओ और अन्य उच्चाधिकारियों को हो जाएगी। इससे वितरण में गड़बड़ी होने की आशंका काफी कम हो जाएगी। फिर भी अगर गड़बड़ी मिली तो सम्बंधित कोटेदार के खिलाफ कार्रवाई करने में आसानी होगी।

वितरण में 'खेल' हाेगा फेल

पिछले दिनों बनारस समेत यूपी के अन्य डिस्ट्रिक्ट्स में ई-पॉश मशीनों को दूसरी जगह ले जाकर आधार नम्बर में 'खेल' कर किए गए अनाज घोटाला सामने आने के बाद शासन सख्त हो गया। इससे सबक लेते हुए खाद्य एवं रसद विभाग ने ई-पॉश मशीनों की जियो फेसिंग करवाने का फैसला किया है। जिसके बाद इन मशीनों को निर्धारित एरिया से बाहर ले जाने पर एडमिनिस्ट्रेटर और सर्विस प्रोवाइडर के पास तत्काल अलर्ट आ जाएगा। सप्लाई डिपार्टमेंट के अफसरों का कहना है कि इस साल के अंत तक सभी मशीनों की जियो फेसिंग करवाने की तैयारी है। इस संबंध में सर्विस प्रोवाइडर्स और एडमिनिस्ट्रेटर से बात चल रही है। जल्द ही यह प्रॉसेस शुरू होगा।

क्या है जियो फेसिंग?

विभागीय अफसरों के मुताबिक जियो फेसिंग तकनीक में जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) या आरएफआईडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) के जरिए सॉफ्टवेयर प्रोग्राम में जियोग्राफिकल बाउंड्री तय की जाती है। मशीन को जैसे ही बाउंड्री से बाहर लाया जाएगा। वह सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर को अलर्ट भेज देगी।

27 कोटेदारों पर केस

पिछले दिनों ई-पॉश मशीनों में छेड़छाड़ कर हुए अनाज घोटाले में 27 उचित दर विक्रेताओं (कोटेदार) पर आपूर्ति विभाग के अफसरों ने केस दर्ज कराया और दुकानें निरस्त कर दीं। वहीं, इस मामले में संलिप्तता पाए जाने पर प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) व डिस्ट्रिक्ट के नोडल अफसर डॉ। रजनीश दूबे के निर्देश पर तीन सप्लाई इंस्पेक्टर भी सस्पेंड किए जा चुके हैं।

एक नजर

- 1442 कोटेदार हैं डिस्ट्रिक्ट में

- 520 उचित दर विक्रेता हैं शहर में

- 05 किलो प्रति यूनिट अनाज मिलता है पात्र कार्डधारक को

- 35 किलो प्रति यूनिट अनाज मिलता है अंत्योदय कार्डधारक को

नई व्यवस्था शुरू होने पर कोटेदार ई-पॉश मशीनों से छेड़छाड़ नहीं कर पाएंगे। इसके लिए आरएफआईडी के जरिए मशीनों की जियोग्राफिकल बाउंड्री तय करने का काम जल्द शुरू होगा। जिससे वितरण में होने वाली गड़बड़ी पर रोक लगेगी।

दीपक कुमार, जिला पूर्ति अधिकारी

Posted By: Inextlive