RANCHI : राज्य के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज में काम करने वाले डॉक्टरों को अब हर हाल में प्राइवेट प्रैक्टिस बंद करनी होगी। ऐसा नहीं करने वाले डॉक्टरों को डायरेक्टर कोई सपोर्ट नहीं करेंगे। इसके लिए डायरेक्टर डॉ। आरके श्रीवास्तव ने सभी डॉक्टरों को निर्देश जारी कर दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि हेल्थ डिपार्टमेंट प्राइवेट प्रैक्टिस करने वालों पर कड़ी नजर रख रहा है। ऐसे में वे प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं तो उनपर कार्रवाई तय है।

डॉक्टरों को मंथली एनपीए

मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल में काम करने वाले डॉक्टरों को हर महीने 25-30 हजार रुपए नन प्रैक्टिसिंग अलाउंस के रूप में सरकार देती है। इसके बावजूद कई डॉक्टर धड़ल्ले से प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं। वहीं सरकार से भी इसका लाभ ले रहे हैं। ऐसे ही डॉक्टरों की लिस्ट हेल्थ डिपार्टमेंट तैयार कर रहा है। इसके बाद एनपीए लेने के बाद भी प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई की जाएगी।

200 से ज्यादा सीनियर डॉक्टर्स

हॉस्पिटल में मरीजों के इलाज के लिए 200 से अधिक सीनियर डॉक्टर्स हैं। उनके अलावा 1500 के करीब जूनियर डॉक्टर्स मरीजों का इलाज करते हैं। इनमें सीनियर डॉक्टर्स को नन प्रैक्टिसिंग अलाउंस मिलता है। ताकि वे हॉस्पिटल में मरीजों का इलाज करने के अलावा प्राइवेट में मरीजों को नहीं देखेंगे। लेकिन कई डॉक्टर्स हैं जिन्हें एनपीए मिल रहा है और वे प्राइवेट भी में मरीजों से भारी फीस वसूल रहे हैं।

ये डॉक्टर करते हैं प्राइवेट प्रैक्टिस

-डॉ। उमेश प्रसाद

-डॉ। सुरेश टोप्पो

-डॉ। संजय सिंह

-डॉ। ए जमाल

-डॉ। एस मलुआ

-डॉ। सीबी सहाय

-डॉ। हेमंत नारायण

-डॉ। शशिबाला सिंह

-डॉ। राहुल

वर्जन

रिम्स के सभी डॉक्टरों को निर्देश दे दिया गया है। इसके बाद भी वे अगर प्राइवेट प्रैक्टिस बंद नहीं करते हैं तो उनपर विभागीय कार्रवाई होगी। इसमें हेल्थ डिपार्टमेंट को हम पूरी तरह से सपोर्ट करेंगे।

डॉ। आरके श्रीवास्तव, डायरेक्टर, रिम्स

Posted By: Inextlive