क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: एनएच 75 पर तिल्ता से एनएच 33 पर करमा तक करीब 24 किमी रिंग रोड फेज 7 के निर्माण को 10 साल भी कम पड़ गए हैं. नतीजन, रिंग रोड से होकर जाने वाली बड़ी गाडि़यां शहर से होकर गुजर रही हैं और उनकी रफ्तार के कारण एक्सीडेंट में सिटी के लोगों की जान जा रही है. दरअसल, रिंग रोड फेज 7 का निर्माण कांठीटांड़ के पहले तिल्ता चौक से एनएच-33 पर करमा (विकास) तक कर लिया गया है. इसी के साथ नामकुम के रामपुर से तुपुदाना होते हुए रातू की तरफ से एनएच33 के विकास तक सड़क कंप्लीट कर ली गई है, लेकिन विकास से लेकर नामकुम के रामपुर तक का काम अब भी अधर में लटका हुआ है. पिछले दो साल से लंबित चल रहे इस काम को करने के लिए जमीन भी अध्रिग्रहित की जा रही है, लेकिन काम अब भी अधूरा ही है.

फेज 1 व 2 में कई अड़चनें

रांची रिंग रोड फेज वन व टू बनाने में अभी कई अड़चनें बाकी हैं. जमीन अधिग्रहण का मामला करीब-करीब क्लियर हो गया है. सड़क बनाने के लिए जमीन एनएचएआइ को दे दी गई है. केवल 1.28 एकड़ जमीन लेने की समस्या है. पथ विभाग के इंजीनियर्स के मुताबिक, इस सड़क का काम किया जा सकता है. केंद्रीय सड़क, परिवहन व जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि 80 परसेंट जमीन मिलने पर ही इसका काम किया जाएगा. इसके बाद ही जमीन अध्रिग्रहण तेज किया गया.

एनएचएआई कराएगा पथ निर्माण

फेज वन व टू के तहत रांची-रामगढ़ रोड पर स्थित विकास से रामपुर (नामकुम के आगे) तक सड़क फोर लेन करने की योजना है. शुरू में यह परियोजना रांची रिंग रोड के अंतर्गत थी, पर राज्य सरकार ने एनएचएआइ से आग्रह किया. इसके बाद इस परियोजना को रांची-जमशेदपुर-महुलिया फोर लेन योजना में शामिल कर लिया गया. इसके तहत अब एनएचएआइ को विकास से रामपुर तक की सड़क बनानी है.

क्या है सड़क की स्थिति

-अलाइनमेंट आदि कर लिया गया है, पर सड़क बनाने का काम शुरू नहीं हुआ है.

--जल्द सुलझेगा 1.28 एकड़ जमीन का मामला

--इस मार्ग पर स्वाति इंटरप्राइजेज की 1.28 एकड़ जमीन है. यह एजेंसी जमीन अधिग्रहण के मामले को लेकर कोर्ट में गई है.

--झारखंड सरकार की ओर से भी एजेंसी के पक्ष को सुना गया है. उसकी मांग पर विचार किया जा रहा है. जल्द ही इसे सुलझाने का प्रयास किया जाएगा.

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फेज 7 पर बढ़ने लगा है वाहनों का लोड

झारखंड एक्सीलरेटेड रोड डेवलपमेंट निगम लिमिटेड (जेएआरडीसीएल) के माध्यम से फेज 7 की 23 किमी लंबी सड़क का निर्माण 452 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है. इस सड़क को छह लेन का बनाया गया है. रिंग रोड फेज तीन, चार, पांच व छह का निर्माण भी जेएआरडीसीएल ने किया है. फेज सात का काम वर्ष 2010 से लटका हुआ था. इसका काम करानेवाली एजेंसी को टर्मिनेट कर दिया गया था. इसके बाद इसका काम जेएआरडीसीएल को दिया गया.

15 मिनट में 23 किमी का सफर

इस मार्ग से गुजरनेवालों का कहना है कि तिल्ता (कमड़े) से करमा (विकास) पहुंचने में अभी मात्र 15 मिनट का समय लग रहा है. गाड़ी से 23 किमी की दूरी तय करने में इतना ही समय लग रहा है. सड़क बनने से पहले पंडरा, रातू रोड, बरियातू रोड होते हुए विकास तक पहुंचने में एक घंटा से अधिक समय लगता था.

रिंग रोड फेज 7: एनएच 75 पर तिल्ता से एनएच 33 पर करमा तक

सड़क की लंबाई : 23.575 किमी

सड़क की चौड़ाई : 6 लेन

सड़क की लागत : 452 करोड़

बड़े पुलों की संख्या : 03

छोटे पुलों की संख्या : 06

अंडर पास की संख्या :07

फ्लाईओवर की संख्या : 01

आरओबी की संख्या : 01

कल्वर्ट की संख्या : 53

Posted By: Prabhat Gopal Jha