सिटी में पिछले तीन सालों से क्राइम नहीं हुआ. आप सोच रहे होंगे कि ये हम क्या कह रहे हैं. ठीक इसी तरह हम भी उस वक्त हैरत में पड़ गए थे जब हमने यहां के थानों का विजिट किया.

यहां लगे नोटिस बोर्ड में पिछले तीन सालों से एक भी मामले को दर्ज नहीं किया गया है। क्या है नोटिस बोर्ड की  पूरी कहानी, आइए जानते हैं
जमशेदुपर में क्राइम का ग्राफ दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। लेकिन  पिछले तीन वर्षों में यहां के कुछ थानों के एरियाज में एक  भी क्राइम नहीं हुआ। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि थानों में लटके क्राइम चार्ट से यह साबित हो रहा है। आप खुद भी सिटी के थानों में जाकर इसे देख सकते हैं।

नहीं है up to date
थर्सडे को आई नेक्स्ट की टीम ने सिटी के कई थानों में जाकर क्राइम चार्ट का जायजा लिया। इस दौरान मानगो, साकची, उलीडीह एमजीएम थाने के क्राइम चार्ट को देखकर टीम हैरान रह गई। यहां मौजूद क्राइम चार्ट को पिछले दो-तीन वर्षों से अपडेट नहीं किया गया है यानी चार्ट के मुताबिक पिछले तीन वर्षों से इन थानों के एरियाज में कोई क्राइम ही नहीं हुआ है।

तीन वर्षों से crime free
सिटी में अक्सर चोरी, लूट, मारपीट आदि की घटनाएं होती रहती है। लेकिन पुलिस की नजर में पिछले तीन वर्षों में लूट, डकैती, मर्डर, रेप, चोरी, छिनैती, जैसी कोई घटना नहीं हुई है.  ओलीडीह थाना में पिछले दो वर्ष, एमजीएम में पिछले तीन वर्ष और मानगो थाना में पिछले चार वर्ष से किसी तरह का क्राइम नहीं हुआ है। ऐसा वहां लगे क्राइम चार्ट से पता चल रहा है।


तो फाइल कैसे करते होंगे मेंटेन

इस बात को इग्नोर नहीं किया जा सकता है कि जिन थानों में क्राइम चार्ट अप टू डेट नहीं हैं, वहां क्राइम फाइल कैसे मेंटेन किया जाता होगा।
थानों में लगे क्राइम चार्ट नियमत: हर वर्ष मार्च अप्रैल में थाना प्रभारियों द्वारा अप टू डेट किया जाना चाहिए। लेकिन थाना प्रभारियों ने क्राइम चार्ट बोर्ड अप-टू-डेट करना उचित नहीं समझा। इस संबंध में मानगो थाना के थाना इंचार्ज अरुण कुमार मिश्रा का कहना है क्राइम चार्ट अप-टू-डेट करने का काम तो थाना प्रभारी का ही
होता है।
एक नजर सिटी में हर साल होने वाले क्राइम पर
भले ही सिटी के कई थानों में लगे क्राइम चार्ट के अनुसार यहां पिछले तीन-चार वर्षों से कोई क्राइम न हुआ हो, लेकिन सच्चाई यह है कि सिटी में हर साल क्राइम ग्र्राफ में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हालांकि किसी-किसी साल टोटल फिगर में कमी जरूर आयी है, लेकिन ओवर ऑल मामले को देखा जाए तो क्राइम इंसिडेंट्स में बढ़ोतरी हुई है। आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो पता चलता है कि पिछले तीन सालों की अपेक्षा वर्ष 2011 रेप, फिरौती, अपहरण, घर में लूट सहित कुछ अन्य मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
वर्ष         घटनाएं
2006    3636
2007    3747
2008    3464
2009    3950
2010    4035
2011    3521

 

 

2010 तक का क्राइम चार्ट मेंटेन है। अभी नया क्राइम चार्ट बनवा रहे हैं। जल्द ही क्राइम चार्ट अप टू डेट हो जाएगा।
गुलाब रब्बानी, इंचार्ज, ओलीडीह थाना


क्राइम चार्ट लगाने का मोटिव है सीनियर अधिकारी जब थाने में आए, तो वो क्राइम से अप टू डेट हो सके। उसे पता चल सके कि क्राइम का ग्राफ किस ओर जा रहा है।
अरूण कुमार राय, इंचार्ज, बिष्टुपुर थाना


हर वर्ष मार्च-अप्रैल में क्राइम चार्ट अप टू डेट किया जाना चाहिए। कई वजहों से क्राइम चार्ट अप टू डेट नहीं हो सका है। जल्द ही यहां का भी क्राइम चार्ट सही कर दिया जाएगा।
अरूण कुमार मिश्रा, इंचार्ज, मानगो थाना

क्राइम चार्ट चेंज करना है। इसको कुछ दिन में चेंज कर दिया जाएगा।
रतिभान सिंह, इंचार्ज, एमजीएम थाना

Posted By: Inextlive