-वरुणा में बाढ़ से बढ़ा संकट, नदी किनारे के कई इलाकों में घुसा पानी, आधा दर्जन मकान हुए जलमग्न

-दुकान लगाकर जीविकोपार्जन करने वाले घर बार छोड़ सुरक्षित जगहों पर करने लगे कूच

वरुणा में पलट प्रवाह की शुरुआत हो चुकी है। यही वजह है कि तटीय एरिया में ठिकाना बनाए लोगों ने धीरे-धीरे कारोबार समेटना शुरू कर दिया है। स्थाई-अस्थाई दुकानें लगाकर जीविकोपार्जन करने वाले अब बाढ़ रहित ठिकानों की तलाश में जुट गए हैं। शनिवार को वरुणा किनारे के सलारपुर, पुलकोहना सहित अन्य इलाकों में वरुणा नदी का पानी घरों में घुस गया। लगभग आधा दर्जन मकान जलमग्न हो गए हैं। उफनाती गंगा का पानी वरुणा की रवानी बढ़ाने लगी है। दो से तीन दिन में जलस्तर के और बढ़ने के संकेत मिले हैं। यही सोच किनारे रह रहे लोग घर-बार छोड़कर सुरक्षित जगहों की ओर कूच कर रहे हैं। जमा जमाया हुआ कारोबार एक बार फिर बाढ़ आने से उजड़ रहा है। किसी का किराना दुकान बंद हो गया तो किसी का बुनकरी तानाबाना खामोश हो गया है।

एक-दो माह रहेगा रोजी पर संकट

वरुणा नदी में बाढ़ आने पर स्थिति यह होती है कि पानी का बढ़ाव और घटाव दोनों समान तरीके से होता है। ऐसा चंद दिनों या सप्ताह तक नहीं रहता बल्कि महीने तक देखने को मिलता है। गंगा में पानी का बढ़ाव होते ही वरुणा में पानी की धारा तेज हो गई है। सलारपुर, पुलकोहना, सरैया, कोनिया सहित रजा कॉलोनी से लेकर अन्य एरिया में वरुणा की लहरें बढ़ती जा रही हैं। किनारे बसे लोगों के लिए सिचुएशन यह हो गया है कि दुआख्वानी तक शुरू हो गई है।

नहीं बनी बाढ़ चौकी

हर साल वरुणा किनारे बसे लोगों के लिए जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ चौकी बनाई जाती है। बाढ़ चौकी में रहने, खाने-पीने से लेकर स्वास्थ्य सुविधाएं तक मुहैया कराई जाती हैं। मगर इस साल अभी तक बाढ़ चौकी का विस्तार तक नहीं हुआ है। सबसे अधिक पुलकोहना, सरैया व सलारपुर एरिया बाढ़ के पानी से प्रभावित हुए हैं।

संक्रामक बीमारियों ने घेरा

वरुणा में पानी बढ़ने के साथ ही किनारे एरिया में संक्रामक बीमारियों का प्रकोप भी तेजी से फैलने लगा है। पुलकोहना, सरैया स्थित मुस्लिम बस्ती में डायरिया सहित संक्रामक बीमारियों ने पांव पसार लिया है। आसपास प्राइवेट हॉस्पिटल्स लेकर गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स तक में इन बस्तियों के लोगों का इलाज चल रहा है।

बातचीत

बाढ़ का असर अब दिखना शुरू हो गया है। सलारपुर के कई मकान जलमग्न हो गए हैं। दुकानदारी सहित बुनकरी का बाजार बिगड़ गया है। जलस्तर बढ़ा तो स्थिति और भी विकट होगी।

शकील, सरैया

अब तो रोजी-रोटी का संकट शुरू हो गया है। बाढ़ ने अपना मंजर दिखाना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि तटीय वासी ठिकाना बदल रहे हैं।

राजू, पुलकोहना

जलस्तर में बढ़ोतरी होना तो शुरू हो गया है। मगर फिर भी अभी कई मुहल्ले ऐसे हैं जो प्रभावित नहीं हुए हैं। वरुणा कॉरिडोर के चलते अभी अधिकतर मुहल्लों में पानी नहीं पहुंच पाया है।

हाजी ओकास अंसारी, पार्षद

सरैया वार्ड

Posted By: Inextlive