सड़क के रंग में दिखेंगी पटरियां
-पटरियों को मजबूती देने के लिए अब इसे इंटरलॉकिंग के बजाय बनाया जाएगा तारकोल से
-पीडब्ल्यूडी ने तैयार किया प्लान, फर्स्ट फेज में बनेंगी प्रमुख रोड्स की पटरियां VARANASI महानगरों की तर्ज पर जल्द ही बनारस में भी सड़कों की पटरियां अलग लुक में नजर आएंगी। पटरियों और सड़कों का रंग एक जैसा (ब्लैक) होगा। दरअसल, पटरियों को अब इंटरलॉकिंग के बजाय तारकोल से बनाया जाएगा। इससे पटरियों के साथ ही रोड्स को भी मजबूती मिलेगी। पटरियों पर मार्किंग की जाएगी ताकि वे अलग दिखें। पीडब्ल्यूडी ने इसकी कार्ययोजना तैयार कर ली है। अब इसे शासन को भेजा जाएगा। रोड्स की भी बढ़ेगी लाइफदरअसल, अभी तक इंटरलॉकिंग कर पटरियां बनने से बरसात होने पर या अन्य कारणों से वे उखड़ जाती हैं। इससे रोड्स के किनारे कट जाते हैं। जो धीरे-धीरे गड्ढों की शक्ल ले लेते हैं। ऐसे में सड़क की लाइफ कम हो जाती है। सड़कें खराब होने से पीडब्ल्यूडी को मेंटीनेंस में ज्यादा धन खर्च करना पड़ता है। अब तारकोल की पटरियां बनने से वे तो मजबूत होंगी ही, रोड्स की लाइफ भी बढ़ जाएगी।
अलग दिखने को पटरियों पर मार्किगकमिश्नर दीपक अग्रवाल के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी ने प्लान तैयार किया है। फर्स्ट फेज में शहर की प्रमुख सड़कों की पटरियों का कायाकल्प किया जाएगा। इसमें कचहरी-नदेसर-तेलियाबाग रोड, कैंट-लंका रोड, मलदहिया-साजन तिराहा रोड, रथयात्रा-लक्सा रोड, रथयात्रा-महमूरगंज रोड, लंका-सुंदरपुर रोड समेत दर्जन भर सड़कें शामिल हैं। पटरियां बनाने के बाद उनकी मार्किंग की जाएगी। जिससे वे रोड से अलग ि1दख सकें।
एक नजर 44 सड़कें पीडब्ल्यूडी की शहर में हैं 04 साल होती हैं सिटी में रोड्स की लाइफ 111 किलोमीटर हैं शहर की सड़कें 02 करोड़ आएगी पटरियां बनाने पर लागत सिटी रोड इम्प्रूवमेंट प्लान के तहत तारकोल से पटरियां बनाने पर लागत ज्यादा आएगी, लेकिन उनकी लाइफ भी बढ़ जाएगी। शासन से धन मिलते ही काम शुरू करा दिया जाएगा। आरआर गंगवार, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी